मेरठ :वेस्टर्न यूपी के 17 शुगर मिलों पर गन्ना उत्पादक किसानों का करीब 11 सौ करोड़ रुपये बकाया है. हजारों करोड़ का यह बकाया पिछले पेराई सत्र का है. अक्टूबर से 2022 का पेराई सत्र शुरू हो जाएगा, मगर किसान अपने पिछले बकाये का इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीजेपी ने दूसरी बार सत्ता में आने से पहले किसानों से 14 दिन में गन्ने का बकाया भुगतान कराने का वादा किया था. नई सरकार के बने 6 महीने हो चुके हैं, मगर वादा अभी पूरा नहीं हुआ.
वेस्टर्न यूपी गन्ना उत्पादन करने वाले किसान लंबे समय से बकाया भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. अक्टूबर में गन्नों की पेराई का नया सत्र शुरू होने वाला है. मगर मेरठ मंडल के किसान आज भी अपने पिछले बकाये के भुगतान के लिए ठोकरें खा रहे हैं. ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो, मेरठ मंडल की कई शुगर मिलों ने बेहतरीन ढंग से किसानों के बकाया का भुगतान भी किया है. मगर कई शुगर मिलें ऐसी हैं, जो किसानों का करीब 11 सौ करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम दबाए बैठी है.
बीते पेराई सत्र 2021-22 के लिए मेरठ मंडल में गन्ना मूल्य बकाया भुगतान में अलीगढ़ की मिल पहले नंबर पर है. जबकि, बुलंदशहर 96.59 प्रतिशत के साथ दूसरे नबंर पर है. वहीं, मेरठ जिला 86.39 प्रतिशत भुगतान के साथ तीसरे स्थान पर है. जबकि, बागपत जिले की मलकपुर मिल ने सिर्फ 16.7 प्रतिशत रकम का भुगतान किया है.
मेरठ मंडल में कुल 17 शुगर मिलें हैं. मेरठ जिले की छह मिलों की ओर से 2682.11 करोड़ रुपये की गन्ना खरीद की गई थी. इन 6 मिलों ने किसानों को 2317.20 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है. जिले में मवाना, दौराला, नंगलामल और सकौती मिल ने भी किसानों का गन्ने की कीमत दे दी है. जबकि, मेरठ की किनौनी और मोहिउद्दीनपुर की मिलों पर करीब 365 करोड़ रुपये बकाया है.
गन्ना किसानों और उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्रा ने दी जानकारी बीते वर्ष किनौनी मिल ने 597.92 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा और अभी तक 326.94 करोड़ का भुगतान किया है. जबकि, इस मिल पर 270.98 करोड़ बकाया है. मोहिउ्दीनपुर मिल ने 214.08 करोड़ का गन्ना खरीदा, जिसमें 120.15 करोड़ का भुगतान किया है. 93.94 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है. किसानों का कहना है कि, सरकार अपना किया हुआ वादा निभाए. सरकार समय से भुगतान नहीं करती है. अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए उधार लेकर काम चलाना पड़ता हैं.
मेरठ की एक शुगर मिल के वाइस चेयरमैन केपी सिंह का कहना है कि उन्होंने सरकार से लोन लिया है, ताकि किसानों को गन्ने का भुगतान जल्द हो.उन्होंने बताया कि, उनकी CCL लिमिट नहीं है. जिस वजह से भुगतान में विलंब हुआ है. इस बारे में मेरठ मण्डल के संयुक्त गन्ना आयुक्त राजेश मिश्रा का कहना है कि बीते पेराई सत्र 2021-2022 में मंडल की 17 मिलों से कुल 5455.41 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा गया. इसमें 27 सितंबर 2022 तक कुल 4275 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. केपी सिंह का कहना है कि, लगभग 80 फीसदी भुगतान कर दिया गया है.
संयुक्त गन्ना आयुक्त राजेश मिश्रा का कहना है कि पेराई सत्र शुरू होने से पहले ही किसानों का भुगतान करा दिया जाए, इसके लिए कोशिश की जा रही है. मंडल में बजाज शुगर मिल, सिम्भावली शुगर मिल, बृजनाथपुर शुगर मिल बैंक में भी डिफॉल्टर हैं. जिस वजह से यह मिलें लोन नहीं ले पाती हैं और भुगतान में पिछड़ जाती हैं. जिलों के डीएम के माध्यम से गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए प्रयास जारी हैं. इसके लिए नोटिस दी जा रही हैं. कोशिश है कि अगले पेराई सत्र से पहले किसानों का बकाया भुगतान करा दिया जाए.
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