मेरठ:मेरठ नगर निगम के नवनियुक्त नगर आयुक्त ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए 45 लिपिकों के पटलों (कार्यालय) में फेरबदल कर दिया है. सीएम योगी ने पिछले महीने प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि तीन वर्ष से अधिक कहीं भी कोई भी कर्मी किसी एक पटल (कार्यालय) पर जमा न रहे. मेरठ नगर निगम में ऐसे बाबुओं की भी भरमार थी जोकि एक ही कुर्सी पर कई वर्षों से जमे बैठे थे.
45 बाबुओं के पटलों में बदलाव बीते माह प्रदेश सरकार ने समूह 'ग' के कर्मचारियों के पटल परिवर्तन और फील्ड में तैनात कार्मिकों का क्षेत्र परिवर्तन किया था. सरकार ने हर तीन साल के बाद 30 जून तक अनिवार्य रूप से पटलों में बदलाव करने का आदेश दिया था. जिसके बाद नगर आयुक्त अमित शर्मा ने 45 लिपिकों के पटल बदल दिए हैं. गौरतलब है मेरठ नगर निगम का चार्ज सम्भाला से पहले अचानक एक दिन सरप्राइज विजिट की थी. जिसमें अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी नदारद मिले थे. इस पर उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए एक दिन की सैलरी काटने का आदेश देते हुए सभी को नोटिस दिया था. नगर आयुक्त को आए अभी सिर्फ 15 दिन ही हुए हैं. नगर आयुक्त की कार्यशैली की वजह से जो कर्मचारी कार्यालय लेट पहुंचते थे, वे भी अब समय से आने लगे हैं.
45 बाबुओं के पटलों में बदलाव
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बता दें, कि ऐसा पहली बार हुआ है जब तीन वर्ष पूरे होने पर समूह 'ग' कार्मिकों के पटल परिवर्तन के साथ फील्ड में तैनात कार्मिकों के क्षेत्र परिवर्तन का शासनादेश जारी किया गया था. ईटीवी भारत से बातचीत में नगर आयुक्त अमित शर्मा ने बताया कि शासन की मंशा के मुताबिक तमाम पाटलों में फेरबदल किया गया है.उन्होंने बताया कि वो पहले ही दिन सभी को अवगत करा चुके हैं कि जो भी कार्य में लापरवाही करेगा या फिर किसी तरह का भ्रष्टाचार करेगा. ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा.
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