लखनऊ : पॉलिटेक्निक संस्थानों से बच्चों की रुचि कम होती जा रही है. इसे लेकर सरकार ने नाराजगी भी जताई है. इसके बाद संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने नए सत्र 2022-23 में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. इस अभियान में ग्राम प्रधानों को भी जोड़ा गया है. यहां तक हाईस्कूल और इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल भी अभियान का हिस्सा बने जहां संस्थानों की ओर से प्रचार-प्रसार कराया गया. इन सभी कोशिशों के बावजूद आवेदनों का आंकड़ा पिछले साल से भी 34,927 कम है. सूत्रों का कहना है इसको लेकर शासन ने नाराजगी जताई है.
प्रदेश में 154 राजकीय, 19 ऐडेड और 1177 निजी पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. इनमें 2,28,527 सीटों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से पॉलिटेक्निक संस्थानों में दाखिले होने थे. 15 फरवरी से ऑनलाइन आवेदन भी शुरू कराए गए थे. 10 लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए शासन के निर्देश पर प्रचार-प्रसार शुरू कराया गया. इसके लिए बकायदा सभी संस्थानों को प्रचार सामग्री उपलब्ध कराई गई. बच्चों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए. ग्राम प्रधानों की भी मदद ली गई. इतना ही नहीं आवेदन की आखिरी तिथि भी 17 अप्रैल से बढ़ाकर 30 अप्रैल और फिर 5 मई की गई. इसमें कुल 2,67,139 आवेदन आए हैं. पिछले वर्ष यह आंकड़ा 302066 था.
गलत उत्तर पर काटे जाएंगे अंक :प्रत्येक समूह के लिए एक पेपर होगा. परीक्षा की अवधि 3 घंटे की होगी. इसमें 100 वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होंगे. प्रत्येक सही प्रश्न के लिए चार अंक दिए जाएंगे और गलत उत्तरों के लिए एक चौथाई अंक काटे जाएंगे. संभावित कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा के समापन के बाद उत्तर कुंजी मिलान के लिए 13 जून को जारी कर दी जाएगी. इसके बाद 15 जून तक आपत्तियां प्राप्त कर सुधार किया जाएगा.
तो इस बार भी नहीं भर पाएंगी सीटें :जानकारों का कहना है कि पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए जितने आवेदन आते हैं, उससे आधी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा में बैठते हैं. पिछले वर्ष परीक्षा में 187695 परीक्षार्थी शामिल हुए थे. इसमें से 174770 परीक्षार्थी योग्य पाए गए थे. इसके बाद ऑन द स्पॉट दाखिले की प्रक्रिया शुरु करानी पड़ी थी.