लखनऊ: वाराणसी से गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट राशिद से पूछताछ में एटीएस को अहम जानकारी मिली है. पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि राशिद द्वारा पाकिस्तान आतंकवादी संगठन आईएसआई को उपलब्ध कराए गए भारतीय नंबर से दो व्हाट्सएप ग्रुप संचालित किए जा रहे थे, जिसमें से एक नंबर पर संचालित व्हाट्सएप और व्हाट्सएप ग्रुप को एटीएस ने रिकवर कर लिया है.
इस नंबर पर 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' नाम से व्हाट्सएप ग्रुप संचालित था. खास बात यह है कि इस व्हाट्सएप ग्रुप में भारत के 49 लोग जुड़े हुए थे, जिनमें आईएसआई के एजेंट राशिद सहित उसका मौसेरा भाई शावेज भी जुड़ा था. वहीं दूसरे नंबर से संचालित व्हाट्सएप और व्हाट्सएप ग्रुप को रिकवर करने में एसटीएफ को अब तक कामयाबी नहीं मिली है.
पूछताछ में हुआ खुलासा
राशिद अहमद से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में बैठे हुए आईएसआई हिंदुस्तान के लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने के प्रयास में रहते हैं. इसके लिए राशिद अहमद ने अपने पड़ोस के रहने वाले दो लड़कों की आईडी पर सिम खरीदे थे, जिन पर पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों ने व्हाट्सएप नंबर एक्टिवेट किया.