लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ गोल्फ क्लब विवाद मामले में जिला प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए, टिप्पणी की है कि इस मामले में मुकुल सिंघल के कहने पर सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया गया. न्यायालय ने क्लब के जनरल बॉडी की बैठक में जाने वाले एसडीएम सदर व अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) को भी तलब कर लिया. न्यायालय ने इन दोनों अधिकारियों को ऑब्जर्वर नियुक्त करने वाले एडीएम सिटी (पूर्वी) को भी तलब किया. इसके साथ ही न्यायालय ने क्लब के कार्यों के मैनेजमेंट के लिए लोकायुक्त सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संजय मिश्रा व सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है. विवाद के निपटारे तक यह कमेटी क्लब के कार्यों को देखेगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने गोल्फ क्लब की प्रबंध समिति के मानद सचिव संदीप दास की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. सुनवाई के दौरान याची की ओर से कहा गया कि 25 सितम्बर को प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर नवीन चंद्रा व अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) संतवीर सिंह क्लब की जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान वहां उपस्थित थे, जिससे स्पष्ट है कि इस मामले में शासन की शक्तियों का दुरूपयोग किया जा रहा है. इस पर न्यायालय ने एसडीएम सदर तथा अपर नगर मजिस्ट्रेट, प्रथम के साथ-साथ एडीएम सिटी पूर्वी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में तलब कर लिया. आदेश के अनुपालन में तीनों अधिकारी कुछ देर बाद कोर्ट में हाजिर हुए, एसडीएम तथा अपर नगर मजिस्ट्रेट, प्रथम का कहना था कि वह एडीएम सिटी पूर्वी के आदेश से वहां गए थे, वहीं एडीएम सिटी अमित कुमार ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने दोनों अधिकारियों को ऑब्जर्वर नियुक्त जरूर किया, लेकिन डेढ़ घंटे बाद ही उक्त आदेश को वापस ले लिया गया था. एडीएम के इस जवाब के बाद दोनों अधिकारियों ने कहा कि वह ट्रैफिक जाम लग जाने के कारण वहां गए थे. इस पर न्यायालय ने कहा कि वरिष्ठ आईएएस मुकुल सिंघल के कहने पर स्टेट मशीनरी का दुरूपयोग किया गया.