लखनऊ: पंचायती राज विभाग में तैनात अफसरों, कर्मचारियों और अन्य लोगों के रिश्तेदारों को विभागीय काम नहीं देने का शासनादेश जारी हुआ है. अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों और जिला पंचायतराज अधिकारियों को ये शासनादेश भेजा है.
केन्द्रीय वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग (State Finance Commission) के अंतर्गत मैटेरियल आपूर्ति या दूसरे काम के लिए पंचायतीराज विभाग के अधिकारी और उनके रिश्तेदार वेंडर के रूप में काम न करें. इस संबंध में शासनादेश जारी किये गए हैं. इसके अनुसार पारदर्शी व्यवस्था के लिए यह आवश्यक है कि पंचायतीराज विभाग से जुड़े पदाधिकारियों, कर्मचारियों या उनके नजदीकी रिश्तेदारों की फर्म/ कम्पनीज आपूर्तिकर्ता, वेंडर के रूप में काम न करें.
शासनादेश के अनुसार वित्त आयोग के अंतर्गत मैटेरियल, ईंधन, स्टेशनरी और अन्य सामग्री या सेवाओं की आपूर्ति के लिए पंचायतीराज विभाग से जुड़े पदाधिकारी/कर्मी (जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत के कर्मी, जिला पंचायत राज अधिकारी, क्षेत्र पंचायत प्रमुख, खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), ग्राम पंचायत प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक, पंचायतीराज विभाग के कर्मचारी और विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मचारी) के पारिवारिक सदस्यों और रिश्तेदारों की फर्म, कम्पनीज से वेंडर के रूप में काम नहीं लिया जायेगा.