लखनऊ : वन एवं पर्यावरण विभाग (Forest and Environment Department ) की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है. विगत पांच वर्षों के वायु प्रदुषण अध्ययन के अनुसार, करीब 17 नगरों का औसत PM 10 और PM 2.5 राष्ट्रीय औसत से अधिक है. लखनऊ, कानपुर, आगरा वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, मेरठ, फिरोजाबाद, गोरखपुर जैसे शहरों में बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिक गतिविधियों से वायु प्रदूषण की समस्या है. इस दिशा में नियोजित प्रयास करते हुए स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना तैयार की जाए.
सीएम ने कहा कि शहरों में परिवेशीय वायु गुणता निगरानी तंत्र का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण किये जाने की कार्यवाही हो. वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपलब्ध मल्टी सेक्टर बजट व्यवस्था का कन्वर्जेंस भी किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट सेक्टर में वायु गुणता सुधार के लिए ई-मोबिलिटी, फ्लीट उच्चीकरण और ट्रैफिक प्रबंधन की कार्यवाही आवश्यक है. वृक्षारोपण और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाना चाहिए. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिये प्रभावी प्रयास की जरूरत है. कहा कि उद्योगों में क्लीन एनर्जी और बायोमास की आपूर्ति के लिए विशेष ध्यान दिए जाएं. हमें अमोनिया और मीथेन के उत्सर्जन में कमी के लिए प्राकृतिक खेती और कम्प्रेस्ड बायोगैस को बढ़ावा देना होगा.