झांसी: जिले में चल रहे किन्नर समाज के सम्मेलन मेंं हिस्सा लेने आयी किन्नर महामंडलेश्वर ने etv bharat से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किन्नरों को पहचान दी है. जो उनके जन्म लेते ही छीन ली जाती थी. इसके लिए लंबे अरसे से लड़ाई लड़ी जा रही थी. अब संविधान में अधिकार मिलने के बाद हम समाज में सम्मान और स्वाभिमान में रह सकते हैं.
किन्नर पहले मठ में रहते थे और अब घर- घर जाते हैं. किन्नर हिंदू और मुस्लिम समाज से नहीं मांगते वह बच्चों वालों से मांगते हैं. हमारे लिए बच्चे एक समान है. बच्चा हिंदू के घर में हो या मुस्लिम के घर में. उन्होंने कहा कि किन्नर सदैव समाज के लिए मांगा करता है. हमारा समाज देश की खुशहाली की बात करता है. इबादत और पूजा करते हैं.
उन्होंने कहा कि किन्नर समाज को महर्षि बाल्मीकि के समय से सम्मान मिला है. किन्नर समाज गुरु शिष्य परंपरा में लगातार आगे बढ़ रहा है. साथ ही किन्नर महामंडलेश्वर भवानी मां ने बताया कि हम लोगों का सबसे बड़ी दुश्मन औरत और आदमी होता है. वे दोनों प्यार में अलग-अलग जातियों या जैसे भी विवाह करते हैं, या मिलते हैं. उसके बाद संतान अगर किन्नर पैदा हुई तो उसे फेंक देते हैं.
उसे बच्चे का सुख नहीं देते. उससे बोलचाल बंद कर देते हैं, आखिर इस में पैदा होने वाले हम जैसे बच्चों की क्या गलती है. उन्होंने कहा किन्नर भीख नहीं बधाई मांगता है, क्योंकि किन्नर भी एक समाज का हिस्सा होता है. भवानी मां ने कहा कि हमने सरकार से कुछ अपने हक के लिए अधिकार मांगे जिसमें हमारी मांग थी कि हमें सभी की तरह शिक्षा का बराबर अधिकार दिया जाए.
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उन्होंने बताया कि उनकी सबसे बड़ी मांग आज तक यह चली आ रही है. उनका कहना है कि सरकार महिलाओं और पुरुषों के लिए टॉयलेट बनाती है तो हम किन्नरों के लिए अलग टॉयलेट की व्यवस्था क्यों नहीं करती? हमारे सामने सबसे बड़ी यही समस्या आती है ना तो हम पुरुष के टॉयलेट में जा सकते हैं न ही हम महिलाओं के टॉयलेट में जा सकते हैं.