संतकबीर नगर : खलीलुर्रहमान का किला संतकबीर नगर में स्थित है. इसका इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. खलीलुर्रहमान ने गोरखपुर बस्ती के बीच खलीलाबाद कस्बा बसाया था. इस किले का इतिहास इतना पुराना हो चुका है कि अब यह किला वर्तमान में जर्जर में तब्दील हो गई है.
इस किले में न तो बीती सरकारों ने ध्यान दिया और न ही वर्तमान सरकार इसके लिए कुछ कर रही है. अब यह किला अपनी हालत पर रोता नजर आ रहा है और आंसू बहा रहा है दीवारें जर्जर हो चुकी है. अब यह किला इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गया है.
संतकबीर नगर में स्थित खलीलुर्रहमान का किला. पुराने इतिहास के जानकारों के अनुसार 1718 ईस्वी में शहंशाह सलीम जहांगीर खलीलाबाद से गुजरते हुए बंगाल की तरफ जा रहे थे. उस दौरान खलीलाबाद में अराजक का माहौल था. उसी दौरान उन्होंने यहां अपने काजी खलीलुर्रहमान को किलेदार बनाया और मगहर को उसके अधिनस्थ रखा.
उस दौर में खलीलाबाद किले के अलावा और कुछ भी नहीं था. किले के ठीक बगल में मोहल्ला सराय था, जहां पर सैनिक विश्राम किया करते थे. वहीं किले की पश्चिम दिशा में मोहल्ला भटवाटोला है, जहां सिपाही रहा करते थे. एक अन्य मान्यता के अनुसार मुगल काल में खलील उर रहमान अपने किले के पास समय जी की प्रतिमा स्थापित करना चाहते थे. इस तरह माता की प्रतिमा यहां पर स्थापित कर दी गई.
समय के साथ खलीलाबाद की आबादी बढ़ती गई और कस्बे के रूप में विकसित हो गया. इस मंदिर को सद्भाव के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है. समय माता की प्रतिमा का पूजन अर्चन तभी से प्रारंभ हो गया और इसे मंदिर का रूप दे दिया गया.
इस किले का इतिहास इतना पुराना हो चुका है कि अब यह किला वर्तमान में जर्जर में तब्दील हो गया है. इस किले में न तो बीती सरकारों ने ध्यान दिया और न ही वर्तमान सरकार इसके लिए कुछ कर रही है.