लखनऊ: अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले लखनऊ में कर्बला के 72 शहीदों और मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की याद में गुरुवार को चेहलुम मनाया गया. इसका आयोजन कोविड 19 की गाइडलाइन के मुताबिक सादगी के साथ हुआ. हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव और भीड़भाड़ न होने पाए इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए थे, लेकिन कर्बला तालकटोरा में अचानक पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़ को समझाने-बुझाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत भी करना पड़ी.
लखनऊ: सादगी के साथ मना चेहल्लुम, पुलिस प्रशासन का रहा कड़ा पहरा
राजधानी लखनऊ में कोविड 19 की गाइडलाइन के मुताबिक सादगी के साथ गुरुवार को चेहल्लुम मनाया गया. इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव और भीड़भाड़ न होने पाए इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए थे.
इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले चेहल्लुम में लाखों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल होकर इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करते आए हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब कोविड-19 जैसी महामारी के चलते किसी भी तरीके के भीड़भाड़ वाले आयोजन या जुलूस निकालने पर प्रतिबंध है. ऐसे में चेहल्लुम पर पुलिस प्रशासन ने कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत विशेष प्रबंध किए थे. यहां तक कि भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थानों पर पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था. इस दौरान जियारत करने वाले श्रद्धालुओं को विनम्रतापूर्वक समझाते हुए वापस किया जा रहा था. अचानक पहुंची कर्बला तालकटोरा में श्रद्धालुओं की भीड़ ने पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फुला दिए. इसके चलते कर्बला के मुत्तावलि सय्यद फैजी और मौजूदा पुलिस प्रशासन ने लोगों को कोरोना वायरस की महामारी और उससे फैलने वाले संक्रमण का हवाला देते हुए समझा-बुझाकर घर वापस कर दिया.
पुराने लखनऊ के नाज़िम साहब इमामबाड़े में मजलिस के बाद हर साल चेहलुम का जुलूस निकलता था, लेकिन इस बार लोग 15-20 लोगों के जत्थों में ही कर्बला तालकटोरा जाकर ज़ियारत कर सके. इस मौके पर कर्बला तालकटोरा के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा.