लखनऊ:17वीं लोकसभा के लिए चुनावी बिगुल में हर पार्टी हर दांव लगाने को तैयार है.कहीं किसी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की बहू दूसरे राजनैतिक कुनबे में शामिल हो रही है तो कही नेताओं की रातों रात निष्ठा बदल रही.इस बीच झांसी लोकसभा सीट पर मुकाबले में सपा प्रत्याशी के सामने बसपा महासचिव के समधियाने से चुनौती ने मुक़ाबलेको और रोचक बना दिया है.
बसपा महासचिव के समधियाने से मिलेगी सपा उम्मीदवार को चुनौती बुंदेलखंड की राजनीति की दिशा को तय करने वाली झांसी लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद रोचक हो सकता है.इस रोचक मुकाबले के लिए बस बीजेपी के प्रत्याशी का घोषित होना भर बाकी है. दरअसल झांसी लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ रही लेकिन वर्तमान में बीजेपी की कद्दावर नेता उमा भारती ने झांसी सीट पर भगवा लहराया.लेकिन अब जब उमा भारती ने चुनाव लड़ने से इंकार किया तो अब झांसी से बीजेपी प्रत्याशी की अटकलें भी तेज हो गई.
माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार झांसी लोकसभा सीट पर वैद्यनाथ ग्रुप के मालिक, पूर्व सांसद और विश्व हिंदू न्यास के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा के बेटे अनुराग शर्मा को टिकट दे सकती है.झांसी में तमाम स्कूलों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों के चलते विश्वनाथ शर्मा का अपना रसूख और कद रहा है.ऐसे में दो बार के सांसद रहे विश्वनाथ शर्मा के बेटे अनुराग शर्मा को बीजेपी टिकट देने का मन बना रही है. बीजेपी अगर अनुराग शर्मा को मैदान में उतारती है तो मुकाबला रोचक होना तय है.
झांसी में रोचक मुकाबला सपा-बसपा गठबंधन और भाजपा के बार रोचक मुकाबला दरअसल बीजेपी अगर अनुराग शर्मा को टिकट देती है तो मुकाबला इसलिए रोचक होगा क्योंकि सपा प्रत्याशी को चुनौती बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के समधियाने से मिलेगी.बसपा महासचिव सतीश मिश्रा की बड़ी बेटी की शादी अनुराग शर्मा के छोटे चाचा रमेश शर्मा के बेटे से हुई है.अनुराग शर्मा इस रिश्ते से सतीश मिश्रा के चचेरे ही सही लेकिन दामाद लगे.वहीं दूसरी ओर सपा-बसपा गठबंधन में झांसी लोकसभा सीट सपा के खाते में आई है. सपा ने झांसी से श्याम सुंदर यादव को टिकट दिया है.