1500 महिलाओं ने बाल डोनेट किया उदयपुर. काले-घने लंबे बाल आखिर किस महिला को नहीं चाहिए होते हैं. बाल हर किसी की खूबसूरती में चार चांद लगते हैं. वहीं, एक बार बाल लंबे हो जाने के बाद कोई भी महिला बाल कटवाने से पहले कई बार सोचती है. ऐसे में अगर कोई दूसरों की भलाई के लिए अपने लंबे बाल कुर्बान कर दे तो उसे दरियादिल ही कहेंगे. कुछ ऐसा ही उदाहरण उदयपुर में देखने को मिला. यहां विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी से पहले करीब 1500 से ज्यादा महिलाओं ने हेयर डोनेट किया.
हजारों महिलाओं ने मिसाल पेश की: उदयपुर की हजारों महिलाओं ने हेयर डोनेट कर एक मिसाल पेश की है. उदयपुर के रोटरी क्लब ऑफ उदयपुर पन्ना हेयर डोनेशन के प्रोजेक्ट संयोजक अशोक पालीवाल ने बताया, 2019 में कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए अभियान शुरू किया गया था. तब ऐसा सोचा नहीं था, कि इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं हर रोज हेयर डोनेशन करने के लिए सामने आएंगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं कैंसर पीड़ित महिलाओं का दर्द समझते हुए बालों को को डोनेट कर रही हैं. 15 साल की बच्चियों से लेकर 70 साल की महिलाएं भी अपने बाल डोनेट कर रही हैं.
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उन्होंने बताया कि कैंसर पीड़ित मरीजों के इलाज के दौरान एक थेरेपी दी जाती है, जिसमें उनके बाल झड़ जाते हैं. इससे महिलाओं के आत्मविश्वास में कमी आ जाती है. साथ ही उनको शर्मिंदगी महसूस होती है. इन महिलाओं को डोनेट किए गए बाल से विग बनाकर इन्हें निशुल्क वितरित किया जाता है. जिससे इनके चेहरे पर मुस्कान के साथ इनमें आत्मविश्वास दिखाई देता है.
मुंबई भेज जाते हैं बाल: अशोक पालीवाल ने बताया कि उदयपुर में अब तक 1500 से ज्यादा महिलाओं ने हेयर डोनेट किया हैं. डोनेट किए गए इन बालों की विग बनाने के लिए चैरिटेबल ट्रस्ट को मुंबई भेजे जाते हैं. ट्रस्ट इन बालों की विग बनाकर कैंसर पीड़ित महिलाओं को देता है. एक विंग बनाने के लिए करीब 4 से 5 महिलाओं के बालों की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि हेयर डोनेशन के लिए 12 इंच बालों का होना जरूरी है. हेयर डोनेशन को लेकर 44 इंच बालों डोनेशन कर गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड भी बनाया गया है. हेयर डोनेशन के लिए महिलाएं अपने जन्मदिन और अन्य कार्यक्रमों में भी हेयर डोनेट करती हैं.
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महिलाओं ने क्या कहा जानिए: हेयर डोनेट करने आई महिलाओं ने कहा, अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई काम छोटा नहीं होता है. इसी सोच के साथ 1500 ज्यादा महिलाओं ने अपने बालों का दान किया है. तारा ने बताया कि बाल डोनेट करके हम दूसरी महिलाओं की मदद कर रहे हैं, ताकि उन्हें आईने के सामने ऐसा महसूस न हो कि उनके सिर पर बाल नहीं है. कामिनी गुर्जर ने बताया कि बालों को दान करने के पीछे सबसे बड़ा मकसद भावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी महिला अपने बालों की कटिंग कराने से पहले काफी सोचती है, लेकिन सोचने बात महिलाओं को कैंसर के कारण जिनके बाल चले गए. उन पर क्या गुजरती होगी. ऐसे में इन कैंसर पीड़ित महिलाओं के दुख को दूर करने के लिए यह छोटा सा प्रयास किया जा रहा है.