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गांवां री सरकार : साफ-सफाई, पेयजल और इंटरनेट की समस्याओं से जूझ रहे सीमावर्ती ग्राम पंचायत संगतपुरा के लोग

श्रीगंगानगर जिले में पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में मतदान होने हैं. बॉर्डर पर स्थित 1850 मतदाताओं वाली ग्राम पंचायत संगतपुरा के ग्रामीणों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की. जिसमें ग्रामीणों ने साफ-सफाई, पेयजल और इंटरनेट समेत कई समस्याओं के बारे में बताया. पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट...

Sangatpura Gram Panchayat, श्रीगंगानगर न्यूज
समस्याओं से जूझ रहे सीमावर्ती ग्राम पंचायत संगतपुरा के लोग

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Published : Jan 26, 2020, 8:22 PM IST

Updated : Jan 26, 2020, 9:45 PM IST

श्रीगंगानगर. पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के मतदान को लेकर ईटीवी भारत की टीम सादुलशहर विधानसभा के संगतपुरा ग्राम पंचायत पहुंची. अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित संगतपुरा ग्राम पंचायत में करीब 1850 मतदाता हैं. संगतपुरा ग्राम पंचायत को विकास के लिहाज से देखा जाए तो 70 साल बाद भी ज्यादा विकास नहीं हुआ है. यहां ग्रामीण आज भी साफ-सफाई और स्वच्छ पेयजल की समस्याओं से जूझ रहे हैं.

समस्याओं से जूझ रहे सीमावर्ती ग्राम पंचायत संगतपुरा के लोग

साथ ही गांव में साफ सफाई नहीं होने से स्वच्छ भारत मिशन यहां दम तोड़ता नजर आता है. गांव के लोग विकास नहीं होने के कारण परेशान नजर आ रहे हैं. यहां के ग्रामीणों की मानें तो इस ग्राम पंचायत में जो भी सरपंच चुना गया. उसने गांव का विकास करने की बजाए खुद के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया.

अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित संगतपुरा ग्राम पंचायत में बीएडीपी यानी बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत जिस प्रकार से विकास के कार्य होने चाहिए, उसके मुकाबले अब तक कार्य हुए नहीं हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव में गरीबों के लिए कुछ मकान मंजूर तो हुए हैं, लेकिन वर्तमान सरपंच की वजह से गरीबों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.

समस्याओं से जूझ रहे सीमावर्ती ग्राम पंचायत संगतपुरा के लोग

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इसके अलावा संगतपुरा ग्राम पंचायत में मोबाइल टावर नहीं होने के कारण यहां के ग्रामीणों को अक्सर मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मोबाइल टावर नहीं होने से इंटरनेट की सुविधा नहीं मिल पाती है, जिससे यहां के ग्रामीण और युवा देश दुनिया से जुड़कर नहीं रह पाते हैं. गांव की छात्राओं का कहना है कि शिक्षा के नाम पर सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के पद खाली हैं तो वहीं गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया करवाने में सरकार को महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए.

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इसके साथ-साथ गांव के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर तो है लेकिन कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण कंप्यूटर और इंटरनेट स्कूली विद्यार्थी सीख नहीं पाते हैं. ग्राम पंचायत में सड़कें ठीक-ठाक हैं, लेकिन गांव में नालियां नहीं बनने से अक्सर बारिश के दौरान पानी निकासी नहीं हो पाती है.

Last Updated : Jan 26, 2020, 9:45 PM IST

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