सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). शहर के 46 ग्राम पंचायतों सहित पशुधन वन्यजीवों के लिए पूरे ब्लॉक में सिर्फ एक ही पशु चिकित्सक है. जिसका खामियाजा पशुधन से आजीविका चलाने वाले हजारों पशुपालकों को भुगतना पड़ रहा है.
पशु संपदा में मालामाल सुविधा में तंगहाल...
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक श्रीगंगानगर जिले में सबसे ज्यादा पशुधन सूरतगढ़ पंचायत समिति में है. सूरतगढ़ ब्लॉक के करीब 3 लाख 55 हजार गौवंश , 2 लाख भेड़-बकरियां हैं. ब्लॉक में करीब 22 हजार ऊंट हैं, जिनका कृषि कार्य में इस्तेमाल किया जाता है. श्रीगंगानगर जिले में सबसे ज्यादा वन क्षेत्र भी सूरतगढ़ में पाया जाता है. यहां लाखों की संख्या में वन्यजीव विचरण करते हैं. इनमें हिरण, नीलगाय, मोर, लोमड़ी, गीदड़ और दूसरे वन्यजीव शामिल हैं, लेकिन पशु संपदा के लिए सबसे अहम सुविधा यानि पशु चिकित्सा की हालत काफी चिंताजनक है.