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FCI को गेंहू बेचने के बाद भी देखभाल में जुटा किसान... गेंहू भीगे तो किसान ही जिम्मेदार

एफसीआई को गेंहू बेचने के बाद भी अगर उठाव से पहले तक गेंहू को कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी खुद किसान की ही होगी. एफसीआई के श्रीगंगानगर जिला मैनेजर लोकेश ब्रह्मभट्ट साफ शब्दों में कह रहे है की खरीद से लेकर एफसीआई गोदामों में जाने से पहले तक नुकसान की जिम्मेदारी आढ़तिये और किसान की है.

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Published : May 21, 2019, 2:48 AM IST

एफसीआई को गेहूं बेचने के बाद भी किसान परेशान

श्रीगंगानगर. जिले में हुई बारिस के बाद अनाज मंडियों में एफसीआई कि ओर से ख़रीदा गेंहू भले ही बड़ी मात्रा में भीग गया हो, लेकिन भीगे गेंहू का नुकसान किसानों को ही उठाना पड़ेगा. सरकारी तंत्र में जकड़ा किसान इस कदर परेशान है की खरीद एजेंसी को अपना माल समर्थन मूल्य पर बेचने के बाद भी लम्बे समय तक उसकी देखभाल खुद किसान को ही करनी पड़ती है. यहीं कारण है की समर्थन मूल्य पर खरीदे गेंहू का खरीद एजेंसी अपने मनमुताबिक मंडी से उठाव करवाती है.

हाड़तोड़ मेहनत करके अपनी फसल तैयार करने वाला भूमिपुत्र सरकारी तंत्र में इस कद्र जकड़ा हुआ है की समर्थन मूल्य पर खरीद एजेंसी एफसीआई को गेंहू बेचने के बाद किसी लापरवाही वश गेंहू को नुकसान होता है तो उसकी सारी जिम्मेदारी किसानों को ही होगी. बारिस के दौरान भीगा गेंहू हो, चाहे थेलो में डालने के बाद गेंहू में हुई घटत हो इसका नुकसान किसान का ही होता है और जिसकी भरपाई खरीद एजेंसियों से लेकर मंडी आढ़तिया किसान के पाले से करता है.

एफसीआई को गेहूं बेचने के बाद भी किसान परेशान

जिले की अनाज मंडीयो में एफसीआई के ख़रीदे गेंहू का उठाव नहीं होने के चलते लाखों क्विंटल माल इस कद्र खराब हो चुका है की वह सुखाने के बाद भी किसी काम में लेने लायक नहीं रहा है. हालांकि अनाज मंडी में भीगे गेंहू को सुखाने के लिए आढ़तिया और किसान दोनों ही मशक्कत करने में लगे है. उधर भीगे गेंहू के बारे में मंडी व्यापारी भले ही कुछ कहें लेकिन एफसीआई के जिला मैनेजर लोकेश ब्रह्मभट्ट साफ शब्दों में कह रहे है की खरीद से लेकर एफसीआई गोदामों में जाने से पहले तक नुकसान की जिम्मेदारी आढ़तिये और किसान की है.

बारिस से भीगे गेंहू के लाखों थेलों को सुखाने के लिए मजदूरों की मदद से मंडी का आढ़तिया और किसान लगा हुआ है. लेकिन पूरी तरह भीग चुका गेंहू सुखाने के बाद भी किन्हीं कारणों के चलते एफसीआई के गोदामों में पहुंचेगा तो यह गेंहू खाने लायक नहीं होगा. ऐसे में सड़ चुके गेंहू सरकारी गोदामों में पहुंचाने के कारण क्या है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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