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हिंदुस्तान जिंक के 1 कर्मचारी ने पीया जहर, प्रबंधन पर दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप

राजसमंद में दरीबा स्थित हिंदुस्तान जिंक में काम करने वाले एक कर्मचारी ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया है. बताया जा रहा है कि कर्मचारी कथित तौर पर जिंक प्रबंधन के दुर्व्यवहार से परेशान था. उसी से आहत होकर उसने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया.

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कर्मचारी ने पीया जहर

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Published : Mar 8, 2020, 10:17 PM IST

राजसमंद.जिले के दरीबा स्थित हिंदुस्तान जिंक में काम करने वाले विनोद भाट ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया है. जिससे उसे अचेत हालत में परिजन जिला चिकित्सालय लेकर आए. कर्मचारी कथित तौर पर जिंक प्रबंधन के दुर्व्यवहार से परेशान था. उसी से आहत होकर उसने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया. साथी कर्मचारियों के अलावा राजसमंद विधायक और पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी भी हॉस्पिटल पहुंचीं और उपचार व्यवस्थाओं की जानकारी ली. फिलहाल विनोद भाट का इलाज जिला चिकित्सालय में जारी है और वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

हिंदुस्तान जिंक के एक कर्मचारी ने पीया जहर

जानकारी के अनुसार विनोद भाट रेलमगरा उपखंड क्षेत्र के दरीबा स्थित हिंदुस्तान जिंक माइंस में काम करता है. विनोद ने हिंदुस्तान जिंक पर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां हर 3 महीने पर स्वास्थ्य संबंधी श्रमिकों की जांच तो होती है. जिसमें सभी श्रमिकों के खून का सैंपल लिया जाता है और खून जांच में श्रमिकों के ब्लड में जिंक की मात्रा संबंधी जांच होती है. लेकिन प्रशासन द्वारा सैंपल तो लिए जाते हैं लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया जाता है.

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विनोद ने बताया कि पिछले दिनों इस मुद्दे को लेकर विधायक माहेश्वरी के सामने रखा था. जिससे माहेश्वरी ने विधानसभा में भी उठाया था. बाद में विधायक किरण माहेश्वरी द्वारा सदन में उठाए गए इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसको लेकर हिंदुस्तान जिंक के अधिकारियों ने विनोद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और उसके खिलाफ कार्रवाई की धमकी देने लगे. अधिकारियों से परेशान विनोद ने आखिरकार जहर खा लिया.

वहीं किरण माहेश्वरी भी इस पूरी घटना के बाद आरके जिला अस्पताल पहुंची और आला अधिकारियों से इस पूरी घटना की जानकारी ली. वहीं माहेश्वरी ने जिंक प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस पूरे मामले को उन्होंने विधानसभा में पिछले दिनों प्रस्तुत किया. लेकिन इसके बावजूद दुर्व्यवहार करते हुए कर्मचारियों को इस तरह से परेशान किया जा रहा है.

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वहीं माहेश्वरी ने कहा कि सदन में इस मुद्दे को वे फिर से उठाएंगे और हिंदुस्तान जिंक के रवैया को विधानसभा के पटल पर रखेंगे. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान जिंक द्वारा हर 3 महीने में कर्मचारियों की जांच करवाई जाती है. लेकिन जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाती है. साथ ही बताया कि जब उन्हीं कर्मचारियों द्वारा उनके स्वास्थ्य की जांच निजी तौर पर बाहर करवाई जाती है. तो दोनों की रिपोर्ट में जमीन आसमान का फर्क आता है.

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