प्रतापगढ़. जिले की हतुनिया थाना क्षेत्र के गोवर्धन पूरा गांव में मजदूर की करंट लगने से मौत के मामले में सोमवार को (Labour died due to current) परिजनों और ग्रामीणों ने राष्ट्रीय हाइवे पर जाम लगा दिया. उनकी मांग है कि ठेकेदार को बुलाया जाए और मजदूर के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए. आरोप लगाया जा रहा है कि मौके पर पहुंची पुलिस की ग्रामीणों से कहासुनी के बाद पुलिस ने उनपर लाठी-डंडे बरसाए. वहीं उनपर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी गई.
पुलिस मामला शांत कराने की जगह बिगाड़ कर चली गई:मौके पर कोतवाली थाना अधिकारी रविंद्र सिंह और पुलिस डिप्टी ऋषिकेश मीणा (Police beat up protesters in Pratapgarh) जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस आते ही प्रदर्शन कर रहे दो युवाओं को लाठी-डंडे से मारते हुए जीप में बैठाने लगी. साथ ही आरोप लगाया है कि पुलिस डिप्टी ने लोगों पर ही मुकदमा दर्ज करने और उनपर ही गाड़ी चढ़ाने की धमकी दी. इससे माहौल बिगड़ गया. जिसपर ग्रामीणों ने जवाब में पुलिस पर ही पथराव कर दिया. इसमें दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. पुलिस ने बल प्रयोग किया. इस दौरान गाड़ियों के शीशे भी टूट गए.
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विवाद के दौरान डिप्टी चौकी में जाकर बैठ गए:मौके पर दोनों तरफ से लाठी और पत्थर चले. कुछ देर (Villagers on strike in Pratapgarh) बाद ग्रामीण वहां से चले गए. उन्होंने उन दोनों युवाओं को भी छुड़ा लिया जिन्हें पुलिस पकड़ कर जीप में बैठाना चाह रही थी. इस दौरान पुलिस डिप्टी ऋषिकेश मीणा अस्पताल चौकी में जाकर बैठ गए. यहां उन्होंने मीडिया कर्मियों को बुलाया और मीडिया पर गलत खबर चलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज करने की बात नहीं कही गई है. उन्होंने सभी मीडिया कर्मियों पर भी मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी. जब इस संबंध में डिप्टी ऋषिकेश मीणा से बात की गई तो उन्होंने भी धमकी देने वाली बात को नकार दिया.
ये है मामला: हातुनिया थाना क्षेत्र के गोवर्धन पूरा गांव में रविवार दोपहर को एक निर्माणाधीन इमारत में काम कर रहे मजदूर निर्मल पुत्र देवीलाल मीणा निवासी डोर, थाना देवगढ की करंट लगने से मौत हो गई. परिजन शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. लेकिन सोमवार दोपहर तक हतुनिया पुलिस थाने से कोई नहीं आया. परिजनों का आरोप है कि दोपहर बाद एक कॉन्स्टेबल आया और परिजनों से ही सवाल जवाब करने लगा. ग्रामीणों ने कांस्टेबल से ठेकेदार को मौके पर बुलाए जाने और मुआवजे की बात करने के लिए अधिकारी को मौके पर आने की बात कही. लेकिन कॉन्स्टेबल कुछ देर बाद वहां से चला गया. जिसपर परिजन और ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया.