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पर्यावरण प्रेमी सतीश पालीवाल ने जन सहयोग से बदला सेंदड़ा श्मशान घाट का स्वरूप - पर्यावरण प्रेमी सतीश पालीवाल

पर्यावरण प्रेमी सतीश पालीवाल 11 सालों से रोज श्मशान की सैर करते है. उनके द्वारा जनसहयोग से श्मशान में पौधरोपण और कई कार्य भी करवाए गए है. इसी पर्यावरण प्रेम ने पाली के सेंदड़ा श्मशान की आब-ओ-हवा ही बदल दी है. जहां से रोज लोग गुजरना तक पसंद नहीं करते उसी श्मशान में लोग सेहत सुधारने के लिए रोज सैर पर आते हैं.

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जन सहयोग से लगा टीन शेड

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Published : Jun 28, 2020, 5:57 PM IST

जैतारण (पाली).सतीश पालीवाल ने कभी बागवनी नहीं की, लेकिन ऐसा जुनून जागा कि पाली के अंतिम छोर में बसा सेंदड़ा के समीप स्थित श्मशान घाट को हरा-भरा कर डाला. अब लोग यहां रोज सैर पर आते है. वहीं सेंदडा श्मशान घाट में सैकड़ों पक्षी रोजाना दाना-पानी के लिए आते है. इनके दाने की व्यवस्था भी भामाशाह ही करते है.

सतीश पालीवाल ने सेंदड़ा श्मशान घाट का बदल डाला स्वरूप

सतीश पालीवाल पंचायत समिति सदस्य, जैतारण कृषि मंडी के डायरेक्टर, क्रय विक्रय सहकारी समिति रायपुर के भी डायरेक्टर रह चुके हैं. अब तक श्मशान में इन्होंने 11 वर्षों से करीब 100 से अधिक पौधे लगाए है. जन सहयोग से टीन शेड, भामाशाह को प्रेरित करके कालका माता मंदिर, महाकाल मूर्ति, भैरव धाम की प्राण प्रतिष्ठा करवाई है. साथ ही ग्रामीणों को प्रेरित कर उनके पूर्वजों की याद में विश्राम गृह, बैठने के लिए पत्थर की कुर्सियां और अन्य कार्य करवाएं है.

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पालीवाल की दिनचर्या में रोजाना श्मशान घाट जाना शामिल है. सुबह उठकर उनका पहला काम श्मशान की सफाई करना, पेड़-पौधों को पानी देना, पक्षियों को मौके पर ही दाना डालना है. उन्होंने ग्राम पंचायत विधायक कोष से चारदीवारी, स्नानघर, पानी का टांका, हैण्डपम्प का भी निर्माण कार्य करवाया है. इस कार्य में सभी विभागों के कर्मचारी भी सहयोग करते हैं.

सेंदड़ा श्मशान घाट

पहले जब सतीश पालीवाल के द्वारा पौधरोपण किए गए तो पौधे पशुओं ने नष्ट कर दिए थे. इसके लिए उन्होंने जन सहयोग से ट्री गार्ड बनवाए. पहले इसकी शुरुआत उन्होंने अकेले की थी, लेकिन कारवां बढ़ता चला गया. उनके इस कार्य से प्रेरित होकर और लोग उनसे जुड़ गए और उनके काम में मदद करने लगे. इसकी वजह से पौधरोपण और देखभाल का काम आसानी से होने लगा है.

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ये आया बदलाव

श्मशान घाट में जहां जाने में कभी लोग झिझकते थे, अब वहां लोग हर सुबह सैर-सपाटे के लिए जाने लगे हैं. इतना ही नहीं स्वच्छता के लिए उनके प्रयास से न केवल मुक्तिधाम गुलजार पार्क का रूप ले रहा है. बल्कि उनका यह प्रयास लोगों के लिए प्रेरणादायी भी बन गया है.

पालीवाल के अभियान में शामिल किशोर सिंह कच्छवाह, महेश टांक ने बताया कि वह सतीश पालीवाल के जुनून को देखकर आगे आए हैं. वह 64 साल की उम्र में पौधे रोपने के लिए गड्ढे बनाने के लिए आगे रहते हैं. श्मशान में गुलमोहर, बड़, अशोक, नीम, केशिया श्यामा, अरडू, रेंटरी, पीपल, करंज, छड़िया, इमली, बकायन, उमन, शीशम, विल्बपत्र, बेड़ा, बास के पौधे भी रोपे गए हैं. इससे वहां का वातावरण सुगंधित रहता है.

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अशोक के 25 पौधे लगाकर किया पौधारोपण

शनिवार को श्मशान घाट में भामाशाह किशोर सिंह कच्छवाह के सहयोग से 25 अशोक के पेड़ लगाकर सभी ने सुरक्षा का संकल्प लिया. इस मौके पर सेंदड़ा थाना प्रभारी प्रेमाराम बिश्नोई, मोहन सिंह बाघ, महेश टाक, ओम प्रकाश, शीतल प्रजापत, ज्योति कुमारी, योगिता आहूजा, एडवोकेट मुर्तजा कुरेशी, रघुवीर सिंह, कमल कुमार, कमला देवी, लक्ष्मी देवी, मुकेश टांक, दिनेश कुमार, श्याम सैनी, बलवीर जलवानिया आदि उपस्थित रहें.

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