कोटा.जिले में गुरुवार को वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के गांधी भवन में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जंयती मनाया गया. साथ ही इस दौरान राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी भी आयोजित हुई. इसमें देशभर के पंडित नेहरू को जानने वाले विशेषज्ञ पहुंचे. संगोष्ठी का विषय आधुनिक भारत में पंडित नेहरू का योगदान था.
इस दौरान संगोष्ठी में वेवसाई गोविंदराम मित्तल, बीकानेर विश्वविद्यालये के पूर्व कुलपति प्रो. गंगाराम जाखड़, खुला विश्विद्यालय के कुलपति प्रो.आर.एल. गोधारा और गुजरात पाटन यूनिवर्सिटी के विजिटर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
कोटा में पं. नेहरू की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन संगोष्ठी में पंडित नेहरू पर कई वक्ताओं ने विस्तार से उनके बारे में जानकारी दी. दिल्ली से आए प्रो.एन के गोयल ने बताया कि पंडित नेहरू का देश के अंदर 17 सालों का योगदान रहा, जिसमें इंडस्ट्रीज़, शिक्षा और समाज के प्रति विशेष योगदान रहा.
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वहीं बीकानेर यूनिवर्सिटी से आए पूर्व कुलपति प्रो. गंगाराम जाखड़ ने संगोष्ठी में नेहरू पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच थी, भारत क्या है और भारत क्या होना चाहिए. वह सोच पहले से विकसित हो चुकी थी और इसी के कारण, जब हिन्दुस्तान आजाद होता है, तब वह मॉर्डन इंडिया की कल्पना कर लेते है. इसके लिए उन्होंने पहले ही प्लानिंग की थी.