कोटा. शहर पुलिस ने 32 साल से फरार एक आरोपी को जयपुर से गिरफ्तार किया है. आरोपी जयपुर में मजदूरी करने लगा था और पैतृक संपत्ति को संभालने के लिए कोटा भी नहीं आया. आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिकर्मी भी कई दिनों तक रेहड़ी वाला बनकर उसकी रैकी करते रहे.
1991 में दर्ज हुआ था मामलाः कोटा शहर एसपी शरद चौधरी ने बताया कि वर्ष 1991 में सूर्य नगर निवासी नंदबिहारी लुहार ने उद्योगनगर थाने में बूंदी जिले के देई थाना इलाके के नीम का खेड़ा निवासी ओम प्रकाश तेली के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक नंद बिहारी की पत्नी नंदकंवर, बेटा लीलाधर, राजेश व वीरेंद्र को लेकर आरोपी ओमप्रकाश फरार हो गया था. साथ ही पीड़ित के घर से सोने के जेवरात और 15000 रुपए नकद भी ले जाने का आरोप था. इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की, लेकिन आरोपी ओमप्रकाश का पता नहीं चला.
पढ़ें : Ajmer Crime News : फर्जी पुलिस कर्मी बनकर लूट की वारदात को देते थे अंजाम, ईरानी गैंग का सरगना गिरफ्तार
रिश्तेदारों से भी संपर्क में नहीं रहाः एसपी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी ओमप्रकाश ने अपने रिश्तेदारों से भी संपर्क नहीं किया. साथ ही अपने गांव नीम का खेड़ा में स्थित पुश्तैनी जमीन को देखने भी नहीं आया. वह लगातार 32 साल से फरार था. एसपी ने बताया कि आरोपी की तलाश जारी थी. इस बीच ओमप्रकाश के जयपुर में रहने की जानकारी मिली. इसके बाद लगातार पुलिस की टीम जयपुर में ओमप्रकाश की तलाश करती रही.
आरोपी को पकड़ने के लिए अपनाए ये तरीकेः एसपी ने बताया कि पुलिस कांस्टेबल रामप्रकाश लगातार 5 दिनों तक झुग्गी झोपड़िया में घूमता रहा. साथ ही दूधिया व मजदूरों का वेश बनाकर ओमप्रकाश की तलाश करता रहा. साथ ही उसने गोलगप्पे की रेहड़ी लगाकर अपराधी के बारे में सूचनाएं एकत्रित की. पुलिस की तलाश के दौरान ओमप्रकाश के जयपुर में रहने की पुष्टि हुई. उसके बाद कांस्टेबल राम प्रकाश, राम किशोर व महावीर ने एक साथ ठेकेदार और मजदूर बनकर ओमप्रकाश से मुलाकात की. पुलिस ने कहा कि मामले में पूरी छानबीन होने पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. एसपी चौधरी ने बताया कि आरोपी ओमप्रकाश जयपुर में ओमप्रकाश तेली की जगह ओमप्रकाश छिपा बनकर रह रहा था. उसने अपनी आईडी भी जयपुर के पते पर बनवा ली थी. साथ ही वह किसी के भी संपर्क में नहीं रहता था.