कोटा.जिले में कोरोना से संक्रमित हुए लोगों के लिए यह संक्रमण घातक बनता जा रहा है, जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं. उनके फेफड़े में गंभीर तरीके का संक्रमण सामने आ रहा हैं. जिसके चलते कई मरीज 20 दिनों तक भी कोविड-19 से ठीक नहीं हो रहे हैं. साथ ही ऐसे मरीजों का मौत का आंकड़ा ज्यादा है.
कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल की सुपर स्पेशयलिटी ब्लॉक में संचालित कोविड-19 हॉस्पिटल में जहां बीते 7 दिनों में 29 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. जबकि प्रशासन ने कोरोना से 6 लोगों की मौत को ही स्वीकारा है. हालांकि कोविड-19 से बीते 7 दिनों में 792 नए संक्रमित मरीज मिले हैं.
वहीं, मौत के आंकड़े को छुपाने के संबंध में अधिकारियों का कहना है कि हमारी और स्टेट की रिपोर्ट में जो अंतर आ रहा है, उसका कारण कोविड अस्पताल में जो मौतें होती हैं, वह पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों मरीजों की होती हैं. साथ ही कोटा के अलावा अन्य जिलों के मरीज जिनमें बारां, बूंदी व झालावाड़ के भी मरने वालों शामिल होते हैं. जिन्हें रिपोर्ट में अलग-अलग दिखाया जाता है.
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ऐसे में सभी मरीजों की मौत का आंकड़ा वे प्रदेश को भेज देते हैं. वहां से जो रिपोर्ट आती है उसमें केवल कोटा के पॉजिटिव मरीज को ही दर्शाया जाता है. इसलिए यह अंतर लगातार आ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि पॉजिटिव मरीजों में कोई अंतर नहीं है. उनकी जो रिपोर्ट रुटीन में आ रही हैं, उतनी ही आ रही है. जबकि अधिकांश जिलों में कोरोना से तीन से चार मरीजों की मौत हो रही है, लेकिन आंकड़े में महज एक ही आ रहा है.