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प्रशासन की उदासीनता के चलते उजाड़ नदी एनिकट की दूर्दशा, सूखने की कगार पर नदी - उजाड़ नदी सांगोद

सांगोद में उजाड़ नदी के पानी को इकठ्ठा करने के लिए बनाया गया एनिकट दुर्दशा का शिकार होता जा रहा है. एनकिट की इस स्थिति से नदी का पानी व्यर्थ बह रहा है. जिसके कारण नदी का जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है.

उजाड़ नदी, ujar river

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Published : Nov 10, 2019, 8:34 PM IST

कोटा. जिले के सांगोद में छाटा की पुलिया के नाम से जाना जाने वाला बहुत पुराना एनिकट इन दिनों दुर्दशा का शिकार हो रहा है. यह एनकिट बरसों पहले उजाड़ नदी के पानी को एक जगह रोकने के लिए बानाया गया था.

इन दिनों इसके निचली सतह पर बनी दीवार से पत्थर बाहर निकल जाने के कारण एनिकट के टूटने का खतरा मंडरा रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक एनिकट के एक तरफ का हिस्सा टूटकर पानी में गिर गया है, जिसके कारण नदी का पानी व्यर्थ बहता जा रहा है. नदी के व्यर्थ बहते पानी के चलते पानी का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है.

उजाड़ नदी सूखने की कगार पर

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लोगों का कहना है कि नदी कभी भी सूख सकती है. लोगों ने बताया कि कई बार हमने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की पर कोई भी इसकी सुध लेने नहीं आया. उन्होंने बताया कि नदी में आया सारा पानी टूटे हुए हिस्से के कारण व्यर्थ बह रहा है. स्थिति यह है कि उजाड़ नदी एनीकट पर अब पानी का जलस्तर काफी कम हो गया है और उजाड़ नदी सूखने की कगार पर है.

इस बारे में पूर्व पार्षद दिनेश सुमन ने बताया कि एनिकट की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. दस से पंद्रह दिन के अंदर नदी घूमने और खेलने का मैदान बन जाएगी. प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बावजूद भी पानी को रोकने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही प्रशासन ने इसकी कोई सुध नहीं ली तो सांगोद की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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स्थानीय निवासी रमेश सुमन ने बताया कि प्राचीन काल से बनी इस पुलिया की क्षेत्र में हुई अत्यधिक बरसात के कारण एक तरफ की दीवार टूटकर गिर गई है. इसकी हालत बहुत दयनीय हो गई है. जिसके कारण यहां पानी की भराव क्षमता खत्म हो गई है और आने वाले समय मे यहां जानवरों के लिए पीने और सिंचाई करने के लिए पानी तक नहीं बचेगा.

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