रामगंजमंड़ी (कोटा).कुछ ऐसी ही कहानी इन सात दोस्तों की है. जिन्होंने एक ऐसी जगह को निखारा है. जहां इंसान अपने मोक्ष को प्राप्त करता है. मोड़क स्टेशन के निवासी सात दोस्तों ने मिलकर कस्बे के श्मशान को 3 साल में कुछ ऐसा बना दिया. जहां पहले व्यक्ति किसी का अंतिम संस्कार में ही जाता थे. लेकिन उस श्मशान के आज हालात इस तरह कर दिए हैं कि श्मशान अब कोई गार्डन नजर आता है. इसमें व्यक्ति बिना किसी के अंतिम संस्कार में जाए बिना भी अपना समय व्यतीत करते हैं.
एक पंचायत में 7 दोस्तों ने शमशान को दिया गार्डन का रूप सात दोस्तों ने मिलकर श्मशान में अपनी समिति बनाई हुई है. वहीं मुक्तिधाम समिति अध्यक्ष दीपक कुमार मीणा ने बताया कि रामगंजमंडी में अक्सर सुना है कि श्मशान के हालात इस कदर होते हैं कि कई बार मानवता शर्मशार होती नजर आई है. इसलिए हमने हमारे श्मशान को इस कदर बनाया है. पहले यह श्मशान इस कदर खराब था कि जगह-जगह उगती झाड़ियां और गंदगी से इंसान आने से घबराता था. जब कोई अंतिम संस्कार यात्रा होती थी. तभी लोग आया करते थे.
पढ़ें- कोटा में पानी का कहर, इटावा क्षेत्र में 100 से ज्यादा मकान धराशायी
लेकिन 3 साल में हम सात दोस्तों ने इस श्मशान की दुर्दशा सुधारने का लक्ष्य लिया. इसको इस प्रकार बनाने की सोच रखी कि इस श्मशान को हम ऐसा रूप दें कि सब देखते रह जाए. तभी सातों दोस्तो ने संकल्प लिया और श्मशान को सुधारने में लग गए. आज इस श्मशान को हमने इस प्रकार बना दिया कि जब कस्बे वासी किसी की शव यात्रा में आते है. तो उनको शमशान देखकर अच्छा लगता है. बुजुर्ग व्यकि हमकों आशीर्वाद देकर जाते हैं. मीणा ने बताया कि हम सातों दोस्त में कोई सरकारी तो कोई प्राइवेट जॉब करता है. इस पर हमने मीटिंग कर हप्ते का एक दिन जिंदगी का हमने श्मशान की देख-रेख और साफ-सफाई के नाम कर दी. साथ ही जरूरत की कुछ सामग्री हम सभी ने मिलकर और भामाशाहों की मदद से पूरी की है.
हप्ते में एक दिन शमशान की सुंदरता के नाम पढ़ें- कोटा: रीको अफसर की मिलीभगत से अराफात पेट्रोकेमिकल्स प्रबंधन पर 227 एकड़ जमीन बेचने का आरोप
श्मशान में कई तरह के पौधे और बैठक व्यवस्था के साथ ही साफ-सफाई का सम्पूर्ण ध्यान रखने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. वहीं मुक्तिधाम समिति सदस्य मनीष नामा ने बताया कि हर हफ्ते हम सभी दोस्त मिलकर पूरा दिन श्मशान में साफ-सफाई, पौधा लगाने और शमशान को सुंदर बनाने के प्रयास करते आए हैं. वहीं हमने अब एक नया लक्ष्य बनाया है कि श्मशान में औषधि उत्पन्न करने वाले पौधा रोपण किया जाएगा. जिसकी जड़ी-बूटियों को हमारे द्वारा सरकारी औषधालय में नि:शुल्क दिया जाएगा. जिससे किसी भी गरीब का भला हो. हमारा आगे का लक्ष्य यह है कि 1 हजार पौधे हम इस शमशान में लगाएंगे.