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Published : May 16, 2019, 10:10 AM IST

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13 दिन बाद मिला गुमशुदा बेटा... पिता की आंखों में छलके खुशी के आंसू

कोटा में कोचिंग कर रहे एक छात्र की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसे सायबर सेल की मदद के जरीए अंबाला से दस्तयाब कर लिया. छात्र परीक्षा को लेकर अवसाद में था.

गुमशुदा कोचिंग छात्र 13 दिनों बाद मिला

कोटा. जवाहर नगर थाना क्षेत्र से 13 दिनों से गायब एक छात्र को जवाहर नगर थाना पुलिस ने अम्बाला से दस्तायाब कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया. बच्चे को देखते ही पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े.

शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि जवाहर नगर थाना क्षेत्र में वेदांता रेजीडेंसी में रहने वाले छात्र की गुमशुदगी का मामला दर्ज हुआ था. मामले को गम्भीरता से लेते हुए विज्ञान नगर थानाधिकारी परमेन्द्र रावत के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया, जिसने साइबर सेल की मदद से छात्र को अम्बाला से दस्तयाब किया.

गुमशुदा कोचिंग छात्र 13 दिनों बाद मिला

सीआई परमेन्द्र रावत ने बताया कि छात्र परीक्षा को लेकर डिप्रेशन में चल रहा था. जिसके चलते परिजनों को बिना बताए घर से गायब हो गया. दरअसल सर्वोत्तम कोचिंग संस्थान से मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्र के लापता होने से 4 मई 2019 को छात्र के पिता रमेश चंद्र ने थाने में रिपोर्ट दी थी, जिसमें बताया कि उनका 17 वर्षीय बेटे का एंट्रेंस टेस्ट परीक्षा केंद्र सेक्टर गामा 2 ग्रेटर नोएडा में आया था. परीक्षा देने के लिए छात्र 2 मई को कोटा के वेदांत रेजीडेंसी से रवाना हुआ था, जो ना तो घर पहुंचा और ना ही परीक्षा केंद्र पर.

परिजनों ने छात्र से सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन उससे संपर्क नहीं होने पर उन्होंने जवाहर नगर थाने पहुंचकर छात्र के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. कोचिंग छात्र की गुमशुदगी के मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करवाया गया जिसके बाद गठित टीम ने साइबर सेल की मदद से कड़ी मेहनत के बाद गुमशुदा कोचिंग छात्र को अम्बाला से दस्तयाब किया.

बच्चे को देखते ही पिता की आंखों से छलके आंसू

जवाहर नगर थाना पुलिस द्वारा 13 दिनों से गायब बच्चे को जैसे ही उसके पिता रमेश चंद्र को सौंपा गया तो उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. उन्होंने बताया कि एडमिशन कर लेने से कोचिंग संस्थानों का काम पूरा नही हो जाता. कोचिंग संस्थानों को समय-समय पर बच्चे से संबंधित जानकारी, उसके टेस्ट परिणाम, कोचिंग में अटेंडेंस आदि की जानकारी परिजनों को दी जानी चाहिए. कोचिंग संस्थान द्वारा उनके बच्चे की 3 माह से डिजिटल अटेंडेंस की जानकारी उन्हें उपलब्ध नही करवाई गई थी.

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