करौली. जिले के समीपवर्ती महावीरजी कस्बे में मुसलाधार बारिश होने से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन की एक कक्षा की छत जर्जर होने के कारण गिर गई. विघालय भवन की छत गिरते समय विघालय में कोई भी विघार्थी मौजूद नहीं रहने से बड़ी दुर्घटना टल गई.
54 वर्ष पूर्व बने जर्जर विद्यालय की गिरी छत ऐसे में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है. विद्यालय के जर्जर हालत में होने से विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने विद्यालय के बाहर प्रदर्शन कर शिक्षा विभाग के खिलाफ रोष जाहिर किया है.
दरअसल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीमहावीर जी की स्थापना 1954 में हुई थी.1966 के करीब विद्यालय के कक्षा कक्ष का निर्माण हुआ था. तत्कालीन भवन निर्माण समिति द्वारा विद्यालय के कमरों का निर्माण करवाया गया था. उसके बाद अभी तक कक्षा-कक्षों का उचित देखरेख और मरम्मत नहीं होने से मौसम की पहली बारिश में ही चुना व ईंट से बनी छत नीचे गिर गई.
शनिवार को जब विद्यार्थी और अध्यापक विद्यालय पहुंचे तो कक्षा कक्ष की छत नीचे गिरी देख घबरा गए. विद्यालय के अन्य कक्षाओं की हालत भी जर्जर बनी हुई है, जिनमें बैठकर अध्ययन करने वाले छात्रों के साथ दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है. विद्यालय भवन की जर्जर हालत से घबराए अध्यापकों ने बरामदे में कक्षाएं लगाकर अध्यापन कार्य पूर्ण करवाया.
वहीं मौसम की पहली बारिश से ही छत गिर जाने से नाराज विधार्थियों ने प्रशासन व राज्य सरकार से विद्यालय भवन के सभी कक्षाओं के पुनर्निर्माण की मांग की. छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रोष जाहिर किया है. इसी प्रकार मण्डरायल के भटपुरा गांव में मूसलाधार बारिश होने के कारण एक किसान का पाटोर पॉश गिर गया.
ग़नीमत ये रही कि पटोर पॉश गिरने के दौरान उस स्थान पर कोई मौजूद नहीं था, जिससे वहां कोई हादसा नही हुआ. प्रधानाचार्य जगमोहन जाटव का कहना है कि कक्षा की छत काफी पुरानी थी. चुना पत्थर से बनी हुई थी जो पानी से देर रात गिर गई. जिसे उच्च अधिकारियों को अवगत करवाकर रिपेयर करवाया जाएगा.