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10 राज्य स्तरीय पशु मेले में शुमार करौली का शिवरात्रि पशु मेला समय से पहले बिखरा

जिले का प्रसिद्ध शिवरात्रि पशु मेला का आगाज अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ने पूजन-अर्चना कर किया. इस मौके पर स्कूली बालिकाओं ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया. हालांकि, मेला उदघाटन से पहले कश्मीर के पुलवामा में आतंकी अटैक से शहीद हुए सैनिकों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई.

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Published : Feb 19, 2019, 11:58 PM IST

करौली का शिवरात्रि पशु मेला

करौली. जिले का प्रसिद्ध शिवरात्रि पशु मेला का आगाज अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ने पूजन-अर्चना कर किया. इस मौके पर स्कूली बालिकाओं ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया. हालांकि, मेला उदघाटन से पहले कश्मीर के पुलवामा में आतंकी अटैक से शहीद हुए सैनिकों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई.

इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर सुरेश कुमार ने कहा की तीज, त्यौहार और मेलों के आयोजनों से लोगों में आपसी मेल-मिलाप के साथ-साथ भाईचारा बढ़ता है. एडीएम ने कहा की आज विज्ञान के इस युग में हम सामाजिक सदभाव, पारीवारिक एकता और आपसी सौहार्द से हम पीछे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेलों के आयोजनों से लोगों में परस्पर मेल-मिलाप के साथ लोगों को जीविकोपार्जन का साधन भी मिलता है. पशुपालन विभाग पशु मेले में अच्छी मॉनिटरिंग कर आने वाले पशुपालकों, व्यापारियों का पूर्ण सहयोग करते हुए मेले को सफल बनाएं. साथ ही सभी विभाग अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें.

मेला अधिकारी डॉ. खुशीराम मीना ने बताया की करौली शिवरात्रि पशु मेला रियासतकालीन पशु मेला है. पशुपालन विभाग इस राज्य स्तरीय पशु मेले का आयोजन साल 1964 से करता आ रहा है. पशुपालन विभाग द्वारा लगाए जाने वाले 10 राज्य स्तरीय पशु मेले में इस करौली पशु मेले का महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होंने बताया कि इस पशु मेले में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विभिन्न जिलों के पशुपालक और व्यापारी पशुओं के क्रय-विक्रय के लिए आते हैं. उन्होंने बताया कि इस साल गुर्जर आरक्षण आन्दोलन के कारण पशुओं की आवक अन्य साल की तुलना में बहुत कम हुई है.

करौली का शिवरात्रि पशु मेला

उन्होंने बताया कि मेले में मुख्यतः नागौरी, हरियाणा नश्ल के उन्नत बैलों का और अच्छी नश्ल के ऊंटों का क्रय-विक्रय होता है. इस साल यह मेला 19 से 25 फरवरी तक आायोजित होगा. जिसमें सभी विभागों द्वारा सहयोग किया जा रहा है. मेले में आने वाले पशुपालकों, व्यापारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि मेले में 19-20 फरवरी को पशु प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले साल में 4585 पशु आए जिससे विभाग को 36319 रूपये की आय हुई. वहीं, इस साल अभी तक 344 पशु ही आए हैं.

वहीं, उदघाटन समारोह के दौरान अतिरिक्त निदेशक भरतपुर डॉ. बाबूलाल मीना, मेला अधिकारी डॉ. खुशीराम मीना, नीरज कोचर सहित विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.

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