करौली.हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक दिवाली के मात्र 4 दिन बाकी है. साल भर से व्यापार के सफल होने का मौका देखने वाले व्यापारियों के लिए इस बार दीपावली पर मायूस नजर आ रहे हैं. ऑनलाइन खरीददारी के बढ़ते क्रेज के कारण दुकानदारों का काम ठप्प पड़ा हुआ है.
दिवली नजदीक, बाजारों में छाया सन्नाटा बाजार में रौनक की कमी का मुख्य कारण है आर्थिक तंगी. जब जेब में पैसे ही नहीं हो तो कोई क्या खरीदे. आर्थिक तंगी के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. जिससे दुकानदार सुबह दुकान खोलकर कर शाम को वापस लौट जाते हैं. कई दुकानों की तो यह स्थिति है कि इनकी बोहनी भी नहीं हो पा रही है.
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स्टॅाक भरा पड़ा, खरीदने वाला कोई नहीं-
त्योहारी सीजन में व्यापारी काफी दिन पहले ही सामान का अधिक स्टॉक लेकर आ जाते हैं क्योकिं उन्हें इस बात की उम्मीद रहती है कि दीपावली के वक्त उनका बिजनेस अच्छा चलेगा. इससे वे अधिक मुनाफा कमा कर अपने परिवार की आर्थिक जरूरतें पूरी कर सकेंगे. यह आशा अब निराशा में बदलती जा रही है. माल का स्टॉक लेने के लिए व्यवसायियों ने बाजार से ब्याज पर रुपया उधार लिया हुआ है. इनका मानना है कि कोई ग्राहक वेराइटी की कमी के चलते खाली न लौट जाए इसलिए हम ऐसा करते हैं. दिवाली को हफ्ते भर से भी कम बचा है लेकिन इस बार बाजार में उल्टा ही नजारा देखने को मिल रहा है. जो बाजार नवरात्रि के आगमन के दिन से गुलजार हो जाया करते थे. इन दिनों आलम ये होता था कि शहर के बाजारों में पांव रखने तक की जगह नहीं रहती थी. अब ये खाली नजर आ रहे हैं.
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व्यापारियों का कहना है कि पहले नोटबंदी उसके बाद जीएसटी फिर अब आर्थिक मंदी ने पूरे देश के साथ-साथ शहर के व्यापार की अर्थव्यवस्था को उलट-पुलट कर रख दिया है. हमारे कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि की दुकानों पर दशहरे के पहले से भारी भीड़ आसानी से देखी जाती थी, लेकिन इस वक्त काफी मंदी का दौर चल रहा है. सभी दुकानदार अपनी दुकानों पर ग्राहकों का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं.
ऑनलाइन बाजार ने किया धंधा चौपट
दिवाली के सीजन से व्यपारियों को बहुत सारी उम्मीदें जुड़ी होती है. सारे व्यापारी काफी दिनों पहले ही अपने-अपने संस्थानों में माल का अधिक स्टॉक लेकर आ जाते हैं, कई दुकानदारों ने तो ब्याज पर पैसा लेकर दुकानों का सामान खरीदा है. अब उनको मुनाफा तो दूर, ब्याज तक भरने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऑनलाइन खरीददारी के बढ़ते क्रेज ने इनके धंधे को चौपट कर दिया है. इससे इन बाजारों की रौनक गायब हो चुकी है.