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बजट 2020-21: मेडीकल, मकान और मूलभुत सुविधाएं....कुछ ऐसी हैं वकीलों को बजट से आशाएं

1 फरवरी को आने वाले देश के बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें हैं. कुछ ऐसी ही उम्मीदें देश के वकीलों को भी है. वह चाहते हैं की उन्हें सरकार मेडिकल सुविधा दें और साथ ही हाउसिंग बोर्ड से रिहायती दर पर मकान भी उपलब्ध कराये जाएं. वहीं अन्य मूलभुत सुविधा भी वकीलों को मिलनी चाहिए.

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Published : Jan 29, 2020, 4:27 PM IST

Lawyers expect from the budget, नरेन्द्र मोदी सरकार बजट
वकीलों को बजट से उम्मीदें

करौली.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी. यह उनका और मोदी सरकार 2.0 का दूसरा बजट होगा. देश के वकीलों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. आने वाले बजट की उम्मीदें को लेकर वकीलों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत कर इनकम टैक्स का दायरा बढ़ाने और वकीलों की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट सहित नये वकीलों के लिए स्टाय फंण्ड लागू करने की उम्मीद की है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए वकीलों ने कहा की 1 फरवरी को आने वाले बजट से वह अभिलाषा करते है की. सरकार वकीलों के हित को ध्यान में रखते हुए. जो भी बार कॉसिंल ऑफ इंडिया का मांग पत्र है, उसको पुरा करे. बुजुर्ग वकीलों को पेंशन की सुविधा दी जाये. जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो. वकीलों ने मेडिकल सुविधा की भी मांग की.

वकील आशुतोष पाराशर ने कहा की वकील देश को देता बहुत है, लेकिन इस देश से कुछ लिया नहीं, पर अब हम भारत सरकार से मांग करते है की वकीलों के लिए मेडिकल सुविधा दी जाये. वकीलों के प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कई दिनों से लंम्बित है. उस पर कुछ कार्रवाई हो. जिससे वकीलों के खिलाफ होने वाली हिंसा पर लगाम लग सके.

वकीलों को बजट से उम्मीदें

वरिष्ठ वकील उमेश पाल ने कहा कि, अधिवक्ता एसोसिएशन की ओर से इनकम टैक्स का दायरा बढाया जाये. उन्होंने बताया कि नये वकीलों को जितना संघर्ष करना पड़ता है. अन्य किसी पेशे में नहीं करना पडता. ऐसे वकालात के पेशे से जुड़े लोगों को हर तरह से आर्थिक सुरक्षा मिलनी चाहिये. वकीलों के वाहनों को टोल टैक्स से मुक्ति मिलनी चाहिए. बुजुर्ग वकीलों के लिए सरकार से अलग फंड़ मिलना चाहिए.

इसी के साथ उन्होंने सरकार को रोजगार पर घेरते हुए कहा की देश की सबसे बड़ी परेशानी रोजगार है. जब से सरकार आई है. तब से नवीन रोजगार सृजन की दिशा में कोई खास ठोस कदम नहीं उठाया गया. नये रोजगारों के सृजन का सरकार को प्रयास करना चाहिए.

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बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे वकील जयेंद्र सिंह ने कहा की सरकार को आयकर में 5 लाख रुपये तक की छुट दी जाये. भारत में आवासीय पॉलिसी बनाई जाये. जिसमें वकीलों को हाउसिंग बोर्ड से रिहायती दर पर आवास उपलब्ध हो. सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक जिला मुख्यालय पर वकीलों के लिए पुलिस चौकी स्थापित की जाये.

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वकील कपिल देव ने कहा की वकील एसोसिएशन यह मांग करती हैं, की जो भी देश में वकील है. उनके लिए वेलफेयर से संबंधित सभी योजनाएं बननी चाहिए. प्रेक्टिस वकीलों के लिए मेडिकल की सुविधा हो. नये वकीलों को कम से कम 3 साल तक स्थाई भत्ता मिले. जिससे वो वकालत में मन लगाकर काम कर सके और सीख सके. आवास नीती, गेस्ट हाउस सुविधा, अन्य मूलभुत सुविधा वकीलों को मिलनी चाहिए. यहीं हमें आगामी बजट से उम्मीद है.

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