लूणी (जोधपुर). अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में गायनी विभाग की ओर से दो दिवसीय रेपरो मेड अपडेट (Repro Med update) कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन देश-विदेश से आए चिकित्सकों की ओर से आईवीएफ और नि:संतानता को खत्म करने की नवीनतम तकनीकी पर चर्चा की गई.
गायनी विभाग की ओर से दो दिवसीय रेपरो मेड अपडेट कांफ्रेंस डॉक्टर प्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि युवावस्था में जिन महिलाओं के अंडे कम बन रहे हैं. उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है. उनका एएमएच (एंटी-म्युलरियन हार्मोन) बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं. साथ ही बताया कि अंडे ज्यादा बनते हैं तो एएमएच बढ़ा हुआ आता है. उन्हें आईवीएफ तकनीक की तरफ रुख करने से बचना चाहिए.
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डॉक्टर ने कहा जिन महिलाओं को छोटी उम्र में बच्चेदानी का कैंसर हो जाता है उन्हें भी घबराना नहीं चाहिए. अंडे प्रीजवऺ किये जा सकते हैं. इसमें कैंसर पीड़िता के अंडे को उनके जीवन साथी के स्पम से मिलाकर उनको स्टोर किया जा सकता है. क्योंकि कई बार कैंसर पीड़िता की सर्जरी में अंडे दानी निकल जाती है.
कार्यक्रम के दौरान गायनी एचओडी डॉ प्रतिभा सिंह, डीन एकेडमिक डॉक्टर कुलदीप सिंह, आरएफएस की पूर्व अध्यक्ष डॉ आभा मजूमदार, चेयरपर्सन डॉक्टर संजय मकवाना, डॉक्टर नवदीप कौर सहित विशेषज्ञों डॉक्टरों ने भाग लिया.