झुंझुनू. ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाते खोलकर उनके संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में की जा रही कटौती के विरोध में सरपंच संघ के आह्वान पर सरपंचों ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया. इसके बाद नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम जिला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे.
झुंझुनू में सरपंचों का प्रदर्शन ज्ञापन में कहा गया है कि कांग्रेस सरकार की ओर से पिछले दो साल से कुछ प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों की ओर से पंचायती राज संस्थाओं के प्रशासनिक और वित्तीय हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है. पंचायती राज संस्थाओं की हालत दयनीय कर दी गई है. केंद्रीय वित्त आयोग की राशि के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग पंचम की सिफारिश के अनुसार वर्ष 2019-20 में 4000 करोड़ रुपयों में से एक भी रुपया ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं किया गया है.
राज्य वित्त आयोग पंचम की प्रथम किश्त के रूप में 1450 करोड़ रुपए में से 364 करोड़ रुपए पंचायत समितियों और जिला परिषदों को तो अक्टूबर 2019 में ही हस्तांतरित कर दिए गए, लेकिन ग्राम पंचायतों के हक की राशि 1086 करोड़ रुपए के आदेश जारी होने के बावजूद राशि नहीं दी गई. इस आयोग की दूसरी और तीसरी किश्त की भी लगभग 3000 करोड़ रुपए की राशि भी हस्तांतरित नहीं की गई है, जो हमारे संवैधानिक वित्तीय अधिकारों को लगातार कम किए जाने की कोशिश है.
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विभाग के कुछ अधिकारियों ने पिछले दरवाजे से ग्राम पंचायतों को ब्याज रहित पीडी खाते खोल दिए हैं. पीडी खातों की कस्टोडियन सीधे राज्य सरकार होती है, सरपंच संघ इसकी घोर निंदा करता है. संघ ने फैसला किया है कि प्रदेश का कोई भी सरपंच कोषालय और उप कोषालय में डीडीओ कोड जनरेट नहीं करवाएगा और न ही लॉग इन आईडी बनवाने के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करेगा. इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो 21 जनवरी को प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों पर सांकेतिक तालाबंदी कर विरोध जताया जाएगा.