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झुंझुनूः सकरी गलियों में संचालित कोचिंग संस्थानों पर होगी कार्रवाई, कलेक्टर ने जारी किए आदेश

झुंझुनू में जिला कलेक्टर ने रवि जैन ने एक आदेश जारी कर बताया कि कुछ कोचिंग संस्थान में पर्याप्त स्थान का अभाव होते हुए भी संचालित किए जा रहे हैं. ऐसे में उन्होंने सकरी गलियों में कोचिंग संस्थान संचालित करने वालों पर नकेल कसी है. इस सिलसिले में कलेक्टर ने जांच समिति का गठन कर सात दिवस में जांच रिपोर्ट मांगी है.

अवैध कोचिंग संस्थान, Illegal Coaching Institute

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Published : Nov 17, 2019, 1:48 PM IST

झुंझुनू. जिले में रविवार को जिला कलेक्टर रवि जैन ने एक आदेश जारी किया. जिसमें जिला कलेक्टर ने सकरी गलियों में कोचिंग संस्थान संचालित करने वालों पर नकेल कसी है. इस सिलसिले में कलेक्टर ने जांच समिति का गठन कर सात दिवस में जांच रिपोर्ट मांगी है. साथ ही इस बात की जानकारी मिलते ही कोचिंग संस्थानों में हड़कंप मचा हुआ है.

सकरी गलियों में कोचिंग संस्थान संचालित करने वालों पर कसेगी नकेल

बता दें कि जिला मुख्यालय पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और भर्ती की तैयारी के लिए संचालित कोचिंग संस्थान के संचालकों द्वारा मनमाने रूप से आवासीय परिसरों में और सकरी गलियों में कोचिंग संस्थान संचालित कर रखी है. इन कोचिंग संस्थान के संचालकों द्वारा छोटे-छोटे आवासीय मकानों में भी बड़ी संख्या में बच्चों को कोचिंग करवाई जा रही है.

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इसको लेकर जिला कलेक्टर रवि जैन ने एक आदेश जारी कर बताया कि इन स्थानों में प्रयाप्त स्थान का अभाव होते हुए भी संचालित किए जा रहे हैं, न तो इनमें सुरक्षा (अग्नि शमन) के मापदंडों का ध्यान रखा जाता है और न ही पार्किंग स्पेस उपलब्ध है. यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए पर्याप्त संख्या में टॉयलेट का अभाव होने के कारण आसपास के खाली पड़े प्लोटस को टॉयलेट के रूप में इस्तेमाल किए जाने से वातावरण दूषित होता है. जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

जांच के लिए समिति का गठन-

कोचिंग संस्थान बिना अनुमति के ही आवासीय परिसरों में संचालित किए जा रहे हैं. इनसब के जांच के लिए समिति का गठन किया गया है. समिति जिला कलेक्टर को जिस भवन में कोचिंग संस्थान संचालित है. उस भवन में कोचिंग संस्थान संचालन के सक्षम स्तर से अनुमति ली गई है या नहीं, भवन आवासीय है तो उसका कन्वर्जन करवाया गया है, भवन में अग्नि सुरक्षा के क्या उपाय किए गए हैं, क्या आकस्मिक दुर्घटना के दौरान दूसरा निकासी द्वार है, वाहन पार्किंग की स्थिति, हवा, पानी और टॉयलेट पर्याप्त है या नहीं, कोचिंग संस्थान उसी स्थान पर संचालन के उपयुक्त है या नहीं.

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इन सभी बिंदुओं पर समिति जांच सौपेंगी. समिति में अतिरिक्त जिला कलेक्टर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता, नगर परिषद आयुक्त और नगर परिषद के अग्निशमन अधिकारी जिला कलेक्टर को सात दिवस में अपनी जांच प्रत्येक कोचिंग स्थान की आवश्यक रूप से प्रस्तुत करेंगे.

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