झुंझुनूं.गौरव सेनानी शिक्षक संघ के राज्यस्तरीय शैक्षिक म्मेलन में ये प्रस्ताव पास किया गया है, कि उन्होंने अपनी जवानी देश के नाम की है. ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं तो कम से कम उन्हें पोस्टिंग घर के पास दी जाए ताकि वे अपना बाकी जीवन घरवालों के साथ बिता सकें.
शिक्षकों ने कहा, कि उन्होंने आर्मी में 24 घंटे की सेवा की है, जबकि यहां तो बमुश्किल 6 घंटे की नौकरी होती है. लिहाजा इससे ज्यादा समय काम करने में भी उन्हें कोई तकलीफ नहीं है. यदि घर के पास रहने को मिल जाए तो सेना से सेवानिवृत्त शिक्षकों को थोड़ा आराम मिल सकता है, लिहाजा सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए.