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Special : तीन दोस्तों ने Online सीखकर कमरे में उगा दी मशरूम, कमा रहे अच्छा मुनाफा

लॉकडाउन में कई लोगों ने अपनी हॉबी और नई चीजों को सीखकर समय का सदुपयोग किया है. ऐसे ही झालावाड़ के तीन दोस्तों ने लॉकडाउन की प्रतिकूल परिस्थिति को अनुकूल बनाया है. इन दोस्तों ने घर में मशरूम उगाने में सफलता हासिल की और अब अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. पढ़िए ये स्पेशल खबर...

झालावाड़ में लॉकडाउन, Jhalawar latest news
झालावाड़ में युवाओं ने उगाई रूम में मशरूम

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Published : Sep 30, 2020, 12:48 PM IST

झालावाड़. कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. जिसके चलते लोगों को अपने घरों में ही रहना पड़ रहा था. ऐसे में झालावाड़ के तीन दोस्तों ने इस 'आपदा' को अवसर में तब्दील कर दिखाया है.

झालावाड़ में युवाओं ने उगाई रूम में मशरूम

झालावाड़ शहर के राड़ी के बालाजी रोड निवासी अंकित, विशाल और कपिल ने कोरोना काल में ऑनलाइन सीखते हुए अपने कमरे में ही मशरूम उगाने का सफल प्रयोग कर दिखाया है. ये तीनों दोस्त मशरूम में महज 2 हजार रुपये के इन्वेस्टमेंट से अब अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

ऑनलाइन ट्रेनिंग लेकर कमा रहे मुनाफा...

अंकित झाला ने बताया कि लॉकडाउन और उसके बाद हुए अनलॉक में वो कहीं भी बाहर नहीं जा पा रहे थे. उनके पास कोई काम भी नहीं था. जिसके बाद उन्होंने अपने दो दोस्तों विशाल और कपिल के साथ मिलकर घर पर ही कमरे में मशरूम उगाने का विचार किया. जिसमें वो पूरी तरह से सफल रहे हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले पिछले साल भी उन लोगों ने मशरूम उगाने की कोशिश की थी, लेकिन असफल हो गए थे, लेकिन इस बार खाली वक्त में उन्होंने ऑनलाइन, यूट्यूब और गूगल से मशरूम उगाने का तरीका सीखा.

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इसके अलावा कुछ एक्सपर्ट से भी उन्होंने राय ली. जिसके बाद उन्होंने कमरे में ही वाइट ओइश्चर मशरूम उगाने में कामयाबी हासिल की है. जिसे अब वो बाजार में अच्छी कीमत में बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं.

ये प्रक्रिया अपनाई...

विशाल कश्यप ने बताया कि मशरूम उगाने के लिए सबसे पहले गेहूं का भूसा लेकर उसको एक कमरे में 20 से 25 दिनों तक गलाया जाता है. इस दौरान उस कमरे को पूरी तरह से बंद रखा जाता है. उसमें न तो किसी प्रकार की रोशनी होती है और ना ही हवा.

मशरूम की वाइट ओइश्चर किस्म

ऐसे में कमरे को पूरी तरह से बंद करते हुए 20 से 25 दिनों तक भूसे को गलाया जाता है. उसके बाद गले हुए भूसे को प्लास्टिक बैग्स में रखा जाता है और उसके अंदर मशरूम के बीज जिनको स्पॉन कहा जाता है. उनको इसमें रख दिया जाता है. जिसके बाद धीरे-धीरे मशरूम के बीज फूटने लगते हैं और बाहर निकलने लगते हैं.

तापमान का रखना होता है ध्यान...

विशाल ने बताया कि शुरू में इनका विकास धीरे-धीरे होता है लेकिन बाद में ये तेज गति से बढ़ने लगते हैं. इस दौरान उनको कमरे के तापमान का भी विशेष रूप से ध्यान रखना होता है. मशरूम के लिए कमरे का तापमान 30 डिग्री से कम रखना होता है. ऐसे में अभी गर्मी के कारण तापमान ज्यादा देखने को मिल रहा है. जिसके चलते वो कमरे के तापमान को 30 डिग्री से कम रखने के कई प्रयास करते हैं.

2 हजार रुपये के इन्वेस्टमेंट से कमा रहे अच्छा मुनाफा

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उन्होंने बताया कि मशरूम की वाइट ओइश्चर किस्म को उगाने का सफल प्रयोग करने के बाद अब वो मशरूम की अन्य किस्मों के ऊपर भी ध्यान दे रहे हैं. उनको भी उगाने का प्रयोग कर रहे हैं. आगे आने वाले दिनों में वे मशरूम की अन्य किस्मों को भी इसी प्रकार के कमरे में उगाने का प्रयास करेंगे.

विशाल और अंकित...

उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे उनके काम को पहचान मिलेगी और वो मशरूम से अच्छा खासा मुनाफा भी कमा पाएंगे. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को भी कमरे में मशरूम उगाने के गुर भी सीखा पाएंगे.

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