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झालावाड़: रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने मांगों को लेकर किया दो घंटे का कार्य बहिष्कार

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और एसआरजी अस्पातल के रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर दो घंटे तक कार्य बहिष्कार कर दिया और अस्पताल परिसर में नारेबाजी की. रेजिडेंट्स डॉक्टरों की मांग है कि पीजी बैच 2018 के फाइनल एग्जाम तय समय पर सम्पूर्ण करवाएं या सभी को प्रमोट किया जाए.

Resident doctors work Boycott, Resident doctors Protest in Jhalawar
रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने मांगों को लेकर किया दो घंटे का कार्य बहिष्कार

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Published : May 21, 2021, 2:04 PM IST

झालावाड़. मेडिकल कॉलेज एवं एसआरजी अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कोविड और नॉन कोविड दोनों का कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर्स ने 8 बजे से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार किया तथा अस्पताल परिसर में नारेबाजी करते हुए विरोध जताया.

रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने मांगों को लेकर किया दो घंटे का कार्य बहिष्कार

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन झालावाड़ के जिलाध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों के रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले एक साल से इस महामारी में कार्य कर रहे हैं तथा रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी लंबित मांगों को लेकर पिछले 2 महीने से सरकार से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार ने हमारा पक्ष नहीं सुना है.

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इसको लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले 10 दिन से काली पट्टी बांध कर भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को कोविड और नॉन कोविड दोनों चिकित्सालय में 2 घंटे का सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक कार्य बहिष्कार किया गया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि पीजी बैच 2018 के फाइनल एग्जाम तय समय पर सम्पूर्ण करवाएं या सभी को प्रमोट किया जाए, जिससे रेजिडेंट को मानसिक, आर्थिक, एकेडमिक, वित्तीय नुकसान ना हो. इन सर्विस रेजिडेंट चिकित्सकों को 3 वर्ष पूर्ण होने से पूर्व ही आभाषी कार्यमुक्ति देकर सीनियर रेजिडेंट के पद पर पदस्थापित किया जाए. साथ ही उनके वेतन आहरण के स्पष्ट वित्तीय आदेश निकाले जाएं.

कोविड ड्यूटी के बाद रिजिडेंट डॉक्टर्स को 7 दिन का क्वारेंटाइन लीव दिया जाए. 2020-21 में सरकार द्वारा रेसिडेंट डॉक्टर्स को कोविड इंसेंटिव राशि देने की घोषणा की गई थी, जो आज तक नहीं मिली है. ऐसे में तुरंत जारी करवाई जाए. रेजिडेंट चिकित्सक के परिवारों को प्राथमिकता से वैक्सिनेट किया जाए. वहीं इंटर्न चिकित्सकों के साथ सरकार ने 7 महीने पहले वेतन बढ़ाने का समझौता किया था, उसकी पालना करवाई जाए. डॉक्टर का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो कार्य बहिष्कार के समय को और आगे बढ़ाया जाएगा.

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