झालावाड़.27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है. विश्व पर्यटन दिवस मनाने का उद्देश्य पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करना होता है. ऐसे में राजस्थान जैसे प्रदेश के लिए पर्यटन विशेष महत्व रखता है. यहां पर अनेक ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो देसी-विदेशी सैलानियों से हमेशा आबाद रहते हैं.
ऐसे में आज हम झालावाड़ में मुकुंदरा पर्वतमाला के गोद में और कालीसिंध नदी के संगम पर स्थित विश्व धरोहर जल दुर्ग गागरोन किले की बात करेंगे, जो न सिर्फ राजस्थान के लिए बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए अनूठा पर्यटन स्थल है. इसी को देखते हुए इसे 21 जून 2013 को विश्व धरोहर भी घोषित किया गया था. पूरे विश्व की धरोहर बन चुका यह किला मानसून के दिनों में लोगों के लिए दूर की कौड़ी बन जाता है और इसकी वजह प्रशासन और सरकारों की उदासीनता है.
दरअसल, गागरोन किले के तीन तरफ से नदी बहती है. ऐसे में वहां पर जाने के लिए दो रास्ते हैं. लेकिन मानसून के दौरान यह दोनों रास्ते बंद हो जाते हैं. ऐसे में चाहे यहां का स्थानीय व्यक्ति हो या फिर कोई पर्यटक उसके लिए गागरोन किले तक पहुंच पाना ना मुमकिन हो जाता है. वहीं, जहां एक तरफ सरकारें और प्रशासन पर्यटन दिवसों पर पर्यटन को बढ़ावा देने की बड़ी बड़ी बातें करते नजर आते हैं. वहीं, झालावाड़ की इस विश्व धरोहर तक पहुंचने के लिए अभी तक पुल का निर्माण भी नहीं करवाया जा सका है. इसी का नतीजा है कि जहां मानसून के दिनों में सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों से भरे रहते हैं. गागरोन किले में पर्यटकों का अकाल पड़ जाता है. पर्यटक चाहते हुए भी झालावाड़ की इस विश्व धरोहर को नहीं निहार पाते हैं.
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