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स्पेशल रिपोर्ट : झालावाड़ की अनूठी जेल, जहां कैदी रह सकेंगे परिवार के साथ - झालावाड़ न्यूज

झालावाड़ में पहली खुली जेल की शुरूआत की गई है, जिसमें 19 कैदियों ने रहना भी शुरू कर दिया है. बता दें कि खुली जेल में कैदी अपने परिवार के साथ रहते हैं और बाहर कोई काम भी कर सकते हैं. जिले में शुरू हुई जेल में 25 कैदियों को रखने की क्षमता है. वहीं यहां सभी कैदियों के लिए माकूल व्यवस्थाएं की गई है. खुली जेल का उद्घाटन जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने किया है.

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Published : Nov 20, 2019, 11:58 PM IST

झालावाड़.बदलते वक्त के साथ समाज और पुलिस का अपराधियों को लेकर नजरिया बदल रहा है, जहां सजा मिलने के बाद अपराधी अपने परिवार से दूर हो जाते हैं, और समाज से पूरी तरह कट जाते हैं. झालावाड़ पुलिस प्रशासन ने इस समस्या को लेकर मानवीय रूख अपनाया है, जहां जिले में पहली खूली जेल का शुभारंभ हुआ है. इसका शुभारंभ जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने किया है.

झालावाड़ की अनूठी जेल

बता दें कि खुली जेल में उन कैदियों को जगह मिलती है, जिनका व्यवहार अच्छा रहता है. जिले की खुली जेल में प्रत्येक कैदी के लिए एक-एक कमरा और लेट बाथरूम का निर्माण किया गया है, जिसमें वो अपने परिवार के साथ रह सकते हैं.

25 कैदी की क्षमता की है खुली जेल

जेल शहर की पुरानी जेल रोड पर खुली है, जिसे बंदी खुला शिविर का नाम दिया गया है. इसका उद्घाटन जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने किया है. खुली जेल में 25 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन, फिलहाल 19 कैदी यहां पर रह रहे हैं. इनके लिए एक पुलिसकर्मी भी तैनात किया गया है, जो सुबह शाम इनकी गिनती करते हुए हाजिरी लगाता है.

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जेलों में जेल..खुली जेल

किसी भी अपराधी को सजा देने के लिए जेल में भेजा जाता है. अपराधियों के लिए विभिन्न प्रकार की जेल निर्धारित की हुई है जैसे केंद्रीय जेल, जिला जेल, उप जेल और खुली जेल. इनमें से सबसे अच्छी जेल मानी जाती है खुली जेल. खुली में उन्हीं कैदियों को जगह मिलती है जिनका व्यवहार अच्छा रहता है.


खुली जेल में सुविधाओं का भंडार

झालावाड़ की इस पहली खुली में कैदियों के लिए माकूल व्यवस्थाएं की गई है. जेल में प्रत्येक कैदी के लिए एक-एक कमरा और लेट-बाथरूम का निर्माण किया गया है. जेल का खुला परिसर और साफ सुथरा वातावरण इसे जेल नहीं घर के रूप में प्रतीत होता है.

कैदी रह सकते हैं परिवार के साथ

खुली जेल की सबसे अनूठी बात यह है कि यहां वो अपने परिवार के साथ रह सकते हैं. कैदी का परिवार पूरी तरह आजाद होता है जहां वे बाहर आ जा सकते हैं और उनके बच्चे बाहर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही खुली जेल के कैदियों को अपने काम के साथ साथ खाने-पीने की व्यवस्था भी खुद ही करनी होती है.

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कैदी को बाहर काम करने की इजाजत

जेल की सबसे अनूठी बात यह है कि कैदी दिनभर बाहर घूमते हुए अपनी रूचि के अनुसार काम भी कर सकते हैं. इसके लिए कैदी को सुबह जाने से पहले गार्ड को हाजिरी देकर जेल से निकलना होता है और शाम को 7 बजे उसे वापस जेल परिसर में आकर हाजिरी देनी होती है. कैदी दिन भर बाहर कहीं भी घूमते हुए कुछ भी काम भी कर सकते हैं और शाम को वापस जेल में आ सकते हैं. इस तरह वह अपने परिवार का भरण पोषण भी खुद ही करते हैं.

उत्साहित कैदी

वहीं खुली जेल को लेकर कैदियों में खासा उत्साह है. उनका कहना है कि खुली जेल को लेकर वो बहुत ही उत्साहित हैं, क्योंकि यहां पर उनको परिवार के साथ रहने का मौका मिल रहा है. साथ ही वो यहां पर रहते हुए काम करके आजीविका भी कमा सकेंगे.

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