झालावाड़. सूबे में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से अधिकारियों के बड़े स्तर पर प्रदेशभर में तबादले किए गए. लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले से ही झालावाड़ नगर परिषद आयुक्त की कुर्सी खाली पड़ी है. क्योंकि विधानसभा चुनाव के समय आचार संहिता लागू होने के चलते कोई अधिकारी नहीं आ पाया, तो वहीं अब लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लगने वाली है.
गहलोत सरकार ने जमकर किए तबादले...लेकिन वसुंधरा के गढ़ को नहीं मिला कोई नगर परिषद आयुक्त...
विधानसभा चुनाव के बाद से ही लगातार अधिकारियों के तबादले जारी है. सूबे की गहलोत सरकार में अब तक सैकड़ों अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गढ़ माने जाने वाले झालावाड़ की नगर परिषद आयुक्त की कुर्सी अभी भी खाली है.
लेकिन अभी तक झालावाड़ में नगर परिषद आयुक्त नियुक्त नहीं किया गया है. बीच-बीच में जरूर सरकार ने कभी जिला आबकारी अधिकारी को तो कभी उपखंड अधिकारी को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है. लेकिन उनका भी तबादला हो जाने से अब यह कुर्सी वापस खाली हो गई है. अब नगर परिषद के सभापति व उपसभापति के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पेश हो गया है. जिसके चलते उनकी कुर्सी भी खतरे में पड़ गई है. ऐसे में आयुक्त के नहीं होने से सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश हो जाने के चलते लोगों को प्रशासनिक कार्यों को लेकर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.