पोकरण (जैसलमेर). रेत के समंदर में आपको खीप और कुचे जरूर मिल सकते हैं. लेकिन दूर दूर तक पानी का नामो निशान तक नहीं होता है. पानी की एक बोतल ही मिल जाये तो इंसान भगवान का शुक्रिया अदा करते करते नहीं थकता है. लेकिन, भारत-पाक सीमा से सटे पोकरण के टावरी वाला में एक ऐसा चमत्कार हुआ है जिसे देखते ही आप दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जायेंगे.
जी हां हम बात कर रहे है पोकरण के टावरी वाले गांव की. सरहदी जिले का ये गांव आज कल सुर्खियों में छाया हुआ है. रेत के धोरो में बसे इस गांव के एक फार्म हाउस में ऐसा चमत्कार हुआ है कि पिछले पांच सालों से जमीन से स्वतः ही पानी निकल रहा है.
पोकरण के गांव में जमीन से स्वतः निकल रहा पानी यही नहीं यह पानी जमीन से पांच फीट तक कि ऊंचाई से तेज प्रवाह से बह रहा है. रेत के धोरो के बीच अथाह पानी का भंडार मिलने से ये चर्चा का विषय बना हुआ है. कोई इसे ईश्वरीय चमत्कार बता रहा है तो कोई इसे विलुप्त हुई सरस्वती नदी का. पानी निकलने की चर्चाओं के बाद यहां भूगर्भीय वैज्ञानिक भी पहुंचे. लेकिन, आज तक यह कोई पता नहीं लगा पाया है कि यह पानी कहा से आ रहा है.
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वहीं, इसके बारे में फार्म हाउस के मालिक से बात करने पर उन्होंने बताया कि उसने पांच साल पहले यहां पर नलकूप खुदवाया था. लेकिन जमीन में थोड़ी ही खुदाई के बाद यहां पर पानी निकलना प्रारंभ हो गया है. यह पानी जमीन से स्वतः ही निकल रहा है. न तो कोई मोटर लगाने की जरूरत है न कोई इसमें यंत्र लगा हुआ है. यह पानी कहा से आ रहा है आज तक इसका कोई पता नहीं लगा पाया है. कई वैज्ञानिक भी आये लेकिन इसका आज तक कोई पता नहीं लगा पाया है.