जैसलमेर.जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए नायक राजेंद्र सिंह का पार्थिव देह जैसलमेर पहुंचा. इसकी जानकारी मिलने के बाद से मोहनगढ़ गांव सहित जैसलमेर में उनके पैतृक गांव में शोक की लहर छाई हुई है. शहीद राजेंद्र सिंह भाटी को उनके दो वर्षीय पुत्र भूपेंद्र ने दी मुखाग्नि दी.
इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर सुबह उनके पैतृक गांव मोहनगढ़ पहुंचा. जैसलमेर वायुसेना से पार्थिव शरीर के गांव के लिए रवाना होने पर शहर में शहीद के सम्मान में हजारों लोगों ने सड़क के दोनों किनारों खड़े होकर पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि दी. लोगों ने राजेंद्र सिंह अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा राजेंद्र सिंह तेरा नाम रहेगा जैसे गगनभेदी नारे लगाए.
शहीद को केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, राज्य के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद, विधायक रूपाराम धनदे ,जिला कलेक्टर नमित मेहता ,पुलिस अधीक्षक डॉ किरण कंग ,जिला प्रमुख अंजना मेघवाल तथा अन्य कई जनप्रतिनिधियों, सेना के अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी.
पढ़े: भरतपुर: खेत पर कृषि कार्य करते समय एक व्यक्ति की मौत
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ के सपूत नायक राजेन्द्र सिंह शहीद हो गए थे. शहीद राजेन्द्र सिंह का जन्म 24 दिसम्बर 1992 को हुआ था. घर में बड़ा पुत्र होने के कारण माता-पिता ने बड़े लाड-प्यार से पाला था. बारहवीं तक पढने के बाद 1 जनवरी 2013 को राजेन्द्रसिंह का आर्मी में चयन हुआ. उनकी माता का निधन 2006 में हो गया था, वहीं सेना में नौकरी मिलने के लगभग साढ़े सात माह बाद पिता का भी छाया सिर उठ गया था. पूरे परिवार का लालन पालन का जिम्मा राजेन्द्र सिंह के कंधों पर आ गया था. 8 दिसम्बर 2016 को राजेन्द्र सिंह का विवाह जालोड़ा तहसील फलोदी निवासी जमना कंवर के साथ हुआ. शनिवार को शहीद की शहादत के बारे में सुनकर ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई.
शहीद राजेन्द्र सिंह लगभग दो महीने पूर्व मोहनगढ़ आया था. वह नवम्बर महीने में वापस छुट्टी पर आने का कह कर गए थे. लेकिन इस बार घर वापस आए तो तिरंगे में लिपटे हुए थे. वहीं शहीद नायक राजेन्द्र सिंह की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है, वहीं पूरे परिवार को बिलखता देख शहीद का बेटा भी रोने लगा.