जयपुर.राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में जारी सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का फैसला लिया है. छात्रों की ओर से छात्रसंघ चुनावों में धनबल और भुजबल का खुलकर इस्तेमाल करने, लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन होने का हवाला देते हुए ये फैसला लिया गया है. साथ ही आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि छात्रसंघ चुनाव कराए जाते हैं तो शिक्षण कार्य प्रभावित होगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप सेमेस्टर सिस्टम लागू करने में भी असुविधा होगी. राज्य सरकार की ओर से जारी इन आदेशों के बाद देर रात छात्र नेताओं ने यूनिवर्सिटी गेट पर इकट्ठा होकर विरोध भी जताया.
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने इस सत्र में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाई है. राज्य सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और कॉलेज शिक्षा आयुक्त को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने, विश्वविद्यालयों की विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम जारी करने, चालू सत्र में प्रवेश, बजट घोषणाएं लागू करने, छात्रसंघ चुनाव और लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की पालना के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति और उच्चतर शिक्षा परिषद के पदाधिकारियों की मीटिंग हुई. जिसमें कुलपतियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न घटकों को लागू करना चुनौतीपूर्ण कार्य बताया. साथ ही जानकारी दी कि इस दिशा में अभी व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं. एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में छात्रों का रजिस्ट्रेशन, सेमेस्टर सिस्टम लागू करने का इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान, नैक की ओर से एक्रीडिटेशन और शिक्षा की गुणवत्ता के कार्य प्रगति पर हैं.
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