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जयपुर: अभियान मिलाप- 1 के तहत अब तक 133 गुमशुदा बालक-बालिकाएं दस्तयाब

राजस्थान पुलिस की ओर से गुमशुदा नाबालिक बच्चों की तलाश और पुनर्स्थापना के लिए विशेष अभियान मिलाप- 1 चलाया जा रहा है. फरवरी माह से चलाए गए विशेष अभियान मिलाप- 1 के तहत अब तक 133 गुमशुदा बालक-बालिकाओं को दस्तयाब किया गया है.

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133 गुमशुदा बालक-बालिकाएं दस्तयाब

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Published : Feb 9, 2021, 10:05 AM IST

जयपुर.अभियान मिलाप के अंतर्गत अब तक 606 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और अन्य राज्यों के पांच गुमशुदा बच्चों के साथ कुल 133 गुमशुदा बच्चों को दस्तयाब किया जा चुका है. डीजीपी एमएल लाठर के निर्देश पर चलाए गए अभियान के तहत अब तक कुल 164 गुमशुदा नाबालिग बच्चों का पुनर्वास किया गया है. अभियान के तहत प्रथम सप्ताह में ही प्रदेश भर में 606 गुमशुदा बच्चों की स्क्रीनिंग की गई है और प्रदेश से 128 और अन्य राज्यों के 5 बच्चों समेत कुल 133 बच्चे दस्तयाब किए जा चुके हैं.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नीना सिंह के मुताबिक 1 फरवरी से 28 फरवरी तक गुमसुदा नाबालिक बच्चों की तलाश के लिए विशेष अभियान मिलाप-1 संचालित किया जा रहा है. इस अभियान के लिए पुलिस अधीक्षक कल्याण मल मीणा को स्टेट नोडल अधिकारी बनाया गया है. अभियान के लिए प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी कर व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है. पुलिस अधीक्षकों को उनके जिलों के सभी थानों पर वेब पोर्टल का आवश्यक रूप से कार्यरत होने और उन पर गुमशुदा बच्चों के बारे में समस्त सूचनाएं इंद्राज करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

सभी जिलों के गुमशुदा बच्चों की एक डायरेक्टरी तैयार की गई है।. प्रत्येक गुमशुदा बच्चे की हायर रेगुलेशन फोटोग्राफ्स और अन्य सभी विवरण इस डायरेक्टरी में अंकित कर अभियान से जुड़ी प्रत्येक टीम को यह डायरेक्टरी उपलब्ध करवाई गई है. पुलिस अधीक्षक अपने जिलों के समाज कल्याण विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, महिला और बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, चिल्ड्रन होम, शेल्टर होम और जिला बाल कल्याण समिति के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य कर रहे हैं. प्रत्येक जिले में स्थित शेल्टर होम, चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट, अनाथालय और अन्य संस्थाओं में निवासरत बालक बालिकाओं के बारे में भी गहनता से जानकारी लेकर और खोया पाया पोर्टल से मिलान कर बच्चों को परिजनों को सुपुर्द किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.

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पुलिस अधीक्षकों को समस्त पुलिसकर्मियों को इस अभियान के बारे में विशेष रुप से राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011 के बारे में अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं. इन निर्देशों को पढ़ते एक रोल कॉल में पढ़कर सुनाने और समझाने के लिए भी निर्देशित किया गया है. बीट बुक में बीट प्रभारी को गुमशुदा बच्चों का विवरण फोटो के साथ इंद्राज करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं. प्रत्येक पुलिस अधीक्षकों द्वारा अपने जिले में गुमशुदा नाबालिक बच्चों की स्क्रीनिंग करने के लिए थाना वार्टी में गठित की गई है. इन टीमों में रुचि रखने वाले सुपरवाइजरी पुलिस अधिकारी के साथ ही चार कांस्टेबल शामिल किए गए हैं. इन कर्मियों को जेजे एक्ट, पोक्सो एक्ट और बाल अधिकारियों के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है. टीमों में जिला कलेक्टर से समन्वय स्थापित कर महिला और बाल विकास विभाग के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है.

बता दें कि गठित टीमों को अभियान के दौरान शेल्टर होम, रेलवे प्लेटफार्म, बस स्टैंड, धार्मिक स्थल में जाकर सभी बच्चों की स्क्रीनिंग करने और स्क्रीनिंग के बाद गुमशुदा और मानव तस्करी की श्रेणी में आए बच्चों का पूर्ण विवरण फोटो के साथ संधारित करने के निर्देश दिए गए हैं.

तैयार किए गए बच्चों का मेडिकल परीक्षण करवाने के बाद उन्हें संबंधित चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. बच्चों का संपूर्ण विवरण मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर भी अपलोड किया जा रहा है. दस्तयाब किए गए गुमशुदा बच्चों के माता-पिता और परिजनों को इस बारे में सूचना उपलब्ध कराने के लिए उन्हें बच्चों को विवरण पोर्टल पर जानकारी दी जा रही है. गुमशुदा बालिकाओं के मामले में पूछताछ के लिए महिला अधिकारी अनुसंधान अधिकारी के रूप में नियुक्त की गई है.

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ऑपरेशन मिलाप के तहत कालवाड थाने को मिली सफलता

गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए चलाए जा रहे अभियान मिलाप-1 के तहत कालवाड़ थाना पुलिस को दो सफलता मिली है. पुलिस ने 4 साल की बच्ची रिया चौधरी को तलाश कर के परिजनों को सुपुर्द किया है. वहीं 16 साल के बच्चे दीपक वर्मा को 6 घंटों के भीतर तलाश कर के परिजनों को सुपुर्द किया गया है. डीसीपी वेस्ट प्रदीप मोहन शर्मा के निर्देशन में कालवाड़ थाना अधिकारी गुरुदत्त सैनी के नेतृत्व में कार्रवाई की गई है. पुलिस की टीम ने अभियान के तहत सतत निगरानी रखते हुए गुमशुदा नाबालिक बच्चों को दस्तयाब करने में सफलता हासिल की है. बच्चों के परिजनों ने खुशी जाहिर करते हुए पुलिस का आभार जताया है. पुलिस की टीम ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता से कड़ी मेहनत करते हुए गुमशुदा बच्चों की तलाश करने में सफलता प्राप्त की है.

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