जयपुर.अभियान मिलाप के अंतर्गत अब तक 606 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और अन्य राज्यों के पांच गुमशुदा बच्चों के साथ कुल 133 गुमशुदा बच्चों को दस्तयाब किया जा चुका है. डीजीपी एमएल लाठर के निर्देश पर चलाए गए अभियान के तहत अब तक कुल 164 गुमशुदा नाबालिग बच्चों का पुनर्वास किया गया है. अभियान के तहत प्रथम सप्ताह में ही प्रदेश भर में 606 गुमशुदा बच्चों की स्क्रीनिंग की गई है और प्रदेश से 128 और अन्य राज्यों के 5 बच्चों समेत कुल 133 बच्चे दस्तयाब किए जा चुके हैं.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नीना सिंह के मुताबिक 1 फरवरी से 28 फरवरी तक गुमसुदा नाबालिक बच्चों की तलाश के लिए विशेष अभियान मिलाप-1 संचालित किया जा रहा है. इस अभियान के लिए पुलिस अधीक्षक कल्याण मल मीणा को स्टेट नोडल अधिकारी बनाया गया है. अभियान के लिए प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी कर व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है. पुलिस अधीक्षकों को उनके जिलों के सभी थानों पर वेब पोर्टल का आवश्यक रूप से कार्यरत होने और उन पर गुमशुदा बच्चों के बारे में समस्त सूचनाएं इंद्राज करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
सभी जिलों के गुमशुदा बच्चों की एक डायरेक्टरी तैयार की गई है।. प्रत्येक गुमशुदा बच्चे की हायर रेगुलेशन फोटोग्राफ्स और अन्य सभी विवरण इस डायरेक्टरी में अंकित कर अभियान से जुड़ी प्रत्येक टीम को यह डायरेक्टरी उपलब्ध करवाई गई है. पुलिस अधीक्षक अपने जिलों के समाज कल्याण विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, महिला और बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, चिल्ड्रन होम, शेल्टर होम और जिला बाल कल्याण समिति के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं से समन्वय स्थापित करते हुए कार्य कर रहे हैं. प्रत्येक जिले में स्थित शेल्टर होम, चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट, अनाथालय और अन्य संस्थाओं में निवासरत बालक बालिकाओं के बारे में भी गहनता से जानकारी लेकर और खोया पाया पोर्टल से मिलान कर बच्चों को परिजनों को सुपुर्द किया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
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पुलिस अधीक्षकों को समस्त पुलिसकर्मियों को इस अभियान के बारे में विशेष रुप से राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2011 के बारे में अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं. इन निर्देशों को पढ़ते एक रोल कॉल में पढ़कर सुनाने और समझाने के लिए भी निर्देशित किया गया है. बीट बुक में बीट प्रभारी को गुमशुदा बच्चों का विवरण फोटो के साथ इंद्राज करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं. प्रत्येक पुलिस अधीक्षकों द्वारा अपने जिले में गुमशुदा नाबालिक बच्चों की स्क्रीनिंग करने के लिए थाना वार्टी में गठित की गई है. इन टीमों में रुचि रखने वाले सुपरवाइजरी पुलिस अधिकारी के साथ ही चार कांस्टेबल शामिल किए गए हैं. इन कर्मियों को जेजे एक्ट, पोक्सो एक्ट और बाल अधिकारियों के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है. टीमों में जिला कलेक्टर से समन्वय स्थापित कर महिला और बाल विकास विभाग के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है.