जयपुर. बारिश के शुरुआती दौर में पानी की झलक भी रामगढ़ बांध में देखने को मिली. यही वजह रही कि मानसून का मजा लेने के लिए लोगों ने रामगढ़ बांध का रुख किया. लेकिन इसके बहाव और भराव क्षेत्र में फैले अतिक्रमण की वजह से एक छोटे से हिस्से में ही पानी सिमट कर रह गया. बाकी रामगढ़ बांध अभी भी सूना ही पड़ा है. हालांकि जेडीए प्रशासन ने यहां 100 से ज्यादा अतिक्रमण हटाए हैं. लेकिन इन अतिक्रमण की संख्या 300 के पार है
अतिक्रमण हटाने की रफ्तार धीमी ,अच्छे मानसून के बावजूद रामगढ़ सूना
जयपुर में अच्छी बारिश के बाद भी रामगढ़ बांध का एक छोटे से हिस्से में पानी की झलक देखने को मिलती है. कारण अभी भी रामगढ़ बांध के भराव और बहाव क्षेत्र में फैले अतिक्रमण जिन्हें हटाने की जेडीए प्रशासन जद्दोजहद तो कर रहा है लेकिन इसकी धीमी रफ्तार की वजह से अच्छे मानसून के बावजूद भी रामगढ़ बांध सूना ही रह जाएगा.
ऐसे में जेडीए की रफ्तार काफी कम है. जिसकी वजह से लगता नहीं कि इस मानसून में रामगढ़ की प्यास बुझ पाएगी. हालांकि इस संबंध में जेडीए विजिलेंस टीम की प्रमुख प्रीति जैन ने कहा कि जेडीए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. जेडीए की टीम के पीटी सर्वे के अनुसार मौके पर चिन्हित किए गए अतिक्रमण तक पहुंचने और पर्याप्त जाब्ते की कमी के कारण कुछ देरी जरूर हो रही है.
पढ़ेंःPWD इंजीनियरों में प्रमोशन नहीं होने से रोष, मुख्य अभियंता पर फाइल रोकने का आरोप
जेडीए विजिलेंस प्रीति जैन ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान सामने आने वाले मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कुछ मकान मालिक, रिजॉर्ट मालिक और ढाबा संचालकों को कुछ समय जरूर दिया है. लेकिन जिन्हें मोहलत दी गई है, ऐसा नहीं है कि उन्हें छूट दी गई हो. वहीं उन्होंने अस्थाई अतिक्रमण, बाउंड्री वॉल और अनिकट को हाथों हाथ हटाए जाने की बात कही.