जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में 0.74 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, निर्वाचन विभाग व्यापारिक संगठन और सामाजिक संगठनों की तमाम जद्दोजहद के बाद भी मतदान प्रतिशत में कोई भारी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली. वहीं, इस बार मतदाता सूची से नाम कटने की सैकड़ों शिकायतें मिलीं. जब इस संबंध में निर्वाचन विभाग से जानकारी ली तो सामने आया कि प्रदेश में तकरीबन 7 लाख 93 हजार 738 लोगों के नाम हटाए गए हैं, जिसमें हजारों नाम ऐसे भी थे जो वर्तमान में उसी क्षेत्र के वोटर हैं और अपने मत का प्रयोग करने के लिए वोटिंग आईडी कार्ड के साथ मतदान केंद्र तक भी पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. इसे लेकर प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग से बीएलओ पर कार्रवाई करने की मांग भी की है.
वहीं, जयपुर जिले की अगर बात की गई है तो यहां ईवीएम और बैलेट पेपर को शामिल करते हुए 75.91 फीसदी वोटिंग हुई, जो विधानसभा चुनाव 2018 की तुलना में 1.49 फीसदी अधिक है. लेकिन मजेदार बात ये है कि बीजेपी और कांग्रेस के कई प्रत्याशी ऐसे हैं जो यहां खुद को ही वोट नहीं दे पाए. इनमें बीजेपी के सात जबकि कांग्रेस के तीन प्रत्याशी हैं. बीजेपी के आमेर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी सतीश पूनिया, हवामहल से बालमुकुंद आचार्य और सिविल लाइन से गोपाल शर्मा ने झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में अपना वोट डाला. इसके अलावा विद्याधर नगर से प्रत्याशी दीया कुमारी ने हवामहल और आदर्श नगर से प्रत्याशी रवि नैय्यर ने मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में अपना वोट कास्ट किया, लेकिन खुद के लिए नहीं.