राज्यपाल के अभिभाषण पर गरमाई सियासत जयपुर. 16वीं विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. राज्यपाल ने अभिभाषण के जरिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जम कर कटघरे में खड़ा किया. पेपर लीक, महिला सुरक्षा, रिफाइनरी, साइबर क्राइम सहित कई मुद्दों पर सवाल उठाए. सदन में पढ़े गए अभिभाषण के बाद प्रदेश का सियासी पारा गरमा गया.
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभिभाषण पढ़े गए वाक्यों को झूठ करार देते हुए कहा कि जिस तरह से पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाए, उससे राज्यपाल के पद की गरिमा तार-तार हुई है. वहीं, प्रतिपक्ष के आरोपों पर सत्ता पक्ष ने कहा कि ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सत्य सामने आया है जिसकी वजह से प्रतिपक्ष तिल मिलाया हुआ है.
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गरिमा तार-तार हुई : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण में राज्यपाल ने अपने पद की गरिमा को तार-तार किया है, उन्होंने जिस तरीके से अपने पद का मान सम्मान रखना था, वह रख नहीं पाए, यही राज्यपाल 5 साल तक हमारी सरकार की हर योजना को अच्छा और जनहित की योजना बताते थे, कानून व्यवस्था, विकास या जनता के हित की योजनाओं की बात हो सबको अच्छा बताते थे और राज्यपाल ने आज अपने मुंह से जो कहा है वह हम सबको शर्मसार कर रहा है. वह अपने पद की गरिमा ही नहीं रख पाए. उन्होंने जैसा दिल्ली से पर्ची सरकार बनी और दिल्ली से छप कर आया वैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान कर दिया और राजस्थान की 5 साल की जो गुड गवर्नेंस थी, पुरानी सरकार को भ्रष्टाचार में डूबी हुई और वित्तीय प्रबंधन को भी नकार दिया . राज्यपाल ने अपने मुंह से जिन योजनाओं को वह बेहतर बता रहे थे, उन सबको गलत बता दिया. भाजपा का आचरण रवैया और नीति जो होती है कि विपक्ष को खत्म करो और उसे गालियां दो और केवल नरेंद्र मोदी का गुणगान करो वही काम आज किया है.
सीएम का कोई विजन नही: डोटासरा ने कहा कि हमने प्रतिपक्ष के तौर पर यह तय किया था कि सत्ता पक्ष को सहयोग देंगे और जनता की बात कहेंगे. हमने आज किसी तरह का व्यवधान राज्यपाल के अभिभाषण में नहीं किया लेकिन हमें लगता है कि भाजपा की सरकार जो दिल्ली से चल रही है, यहां के नेताओं में विजन नहीं है मुख्यमंत्री ऐसे सुन रहे थे कि जैसे उनको पता ही नहीं की क्या छपा है. दिल्ली से छप कर आया और आज उसे सामने रख दिया, ऐसा रवैया अगर भाजपा का रहा तो हम पूरा विरोध करेंगे. अगर जनहित की कोई भी योजना इनके द्वारा बंद की गई और राजनीति के तहत कोई बात की तो हम इनका विरोध करेंगे. कर्जमुक्त ,भ्रष्टाचार मुक्त राजस्थान बताया तो फिर 5 साल सरकार चलाने की जरूरत क्या है ? जब सब काम हो गए, नशा मुक्त राजस्थान की बात कर रहे हैं, तो क्या शराब को बंद करने जा रही है सरकार ? सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है. राज्यपाल जैसे उच्च पद के व्यक्ति से इस तरह की अनर्गल बातें, जिनका कोई आधार नहीं था. पिछली सरकार को अगर आपने भ्रष्टाचारी बताया तो फिर आप डेढ़ महीने से क्या कर रहे हैं, कभी सत श्री अकाल की जगह शत-शत आकाल बोल रहे हैं, कभी क्या निकल रहा है ? कभी प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हैं ,कभी उनके कमरे में हीटर जल जाता है . जो पर्ची से मुख्यमंत्री बना है उसका कोई विजन नहीं है.
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राज्यपाल को विवेक स्तेमाल करते : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि राज्यपाल वही बोलते हैं जो कैबिनेट बनाकर भेजती है, लेकिन हमारी सरकार को कटघरे में जो खड़ा किया जा रहा है और गलत बताया जा रहा है. जूली ने कहा कि यह जो परिपाटी चल रही है वह ठीक नहीं है, जो कैबिनेट कहे वही बोलना है ,लेकिन इसमें खुद का भी विवेक लगाया जाना चाहिए, रिफाइनरी का जिक्र कर रहे थे रिफाइनरी के मामले में कांग्रेस सरकार से समय पर पूरा नहीं कर पाई, अरे रिफाइनरी में देरी किस वजह से हुई है, यह आप सभी को पता है, युवाओं के रोजगार को मिलने से किसने रोका है,यह सब को बखूबी पता है आज प्रदेश में पर्ची सरकार चल रही है, सरकार काम नहीं कर रही है, लगातार दावे किए जा रहे हैं 100 दिन की कार्य योजना के 50 दिन निकल चुके हैं ,लेकिन जनता के बीच में नहीं जा रहे हैं. चिरंजीवी योजना को गलत बता रहे हैं, जबकि चिरंजीवी योजना को जितनी आम जनता ने तारीफ करी है, वह पूरे देश में नाम हुआ है. योजना के मॉडल को देखने आए खुद केंद्र सरकार के लोग चिरंजीवी योजना को विकसित करने आए थे, इसकी तर्ज पर इसे कई राज्य बंद करने का विचार कर रहे हैं जो गलत है. आज विधायक दल की बैठक में तय किया गया है कि कांग्रेस पार्टी के विधायकों को विधानसभा के कार्य संचालन के लिए पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी, उन्हें हर विषय से अवगत कराया जाएगा.
सत्य बयान किया :उधर प्रतिपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने अभिभाषण में वही पढ़ा जो सत्य है, इस सत्य से कांग्रेस तिलमिला रही है, उन्होंने जिस तरह से 5 साल में भ्रष्टाचार , महिला सुरक्षा , अत्याचार , पेपर लीक , बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर पूरी तरीके से नाकाम रही है. इस नाकामी को राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में पढ़ा . राज्यपाल के अभिभाषण पर सवाल उठाने उनकी गरिमा की तौहीन करना है. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के जरिए सरकार के अब तक के कामकाज को प्रस्तुत किया है, इसके साथ ही आने वाले दिनों में सरकार किस विजन के साथ काम करेगी वह सदन के समक्ष रखा है.