जयपुर.जयपुर नगर निगम मुख्यालय पर चाय-पानी की बात पर कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी और सफाई चेयरमैन राजेश बिवाल के बीच 2 अप्रैल को तनातनी हो गई थी. निगम के कई कर्मचारी इस विवाद के चश्मदीद तक बन गए थे.
इस पूरे मामले में पार्षद और चेयरमैन के गरिमामय पदों का तो अपमान हुआ ही साथ ही निगम की मर्यादा भी तार-तार हुई. बावजूद इस पर किसी तरह की कार्रवाई करने के महापौर विष्णु लाटा इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे हैं. लाटा ने कहा कि हिंदू संस्कृति में चाय पी और पिलाई जाती है लेकिन पार्षद इस मजाक को समझ नहीं पाए और गुस्से में आ गए.
वीडियोः दो पार्षदों के बीच बवाल पर मेयर का अजीबो गरीब तर्क उधर, सफाई समिति के चेयरमैन राजेश बिवाल ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वो भी पार्षद....मैं भी पार्षद...इसी दोस्ती की वजह से उन्हें चाय की बात कही गई थी... लेकिन पार्षद सैनी इसे दूसरे संबंध में ले गए. अब तक इस मामले में किसी तरह का सॉल्यूशन नहीं निकल पाया और अब मेयर इसे अप्रैल फूल का नाम दे रहे हैं.
आपको बता दें की वार्ड 90 से कांग्रेसी पार्षद ग्यारसी लाल सैनी अपने वार्ड में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां नहीं पहुंचने की शिकायत लेकर नगर निगम मुख्यालय पहुंचे थे और यहां सफाई समिति के चेयरमैन राजेश बिवाल ने उनसे चाय पानी का खर्च मांग लिया गया था. जिस पर काफी विवाद भी हुआ था. दोनों ही एक दूसरे पर इतना गरमा गए थे कि देखने वालों की भीड़ लग गई थी.