जयपुर. बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्ति और गोवा को आजादी दिलाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह राजस्थान के पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह की जन्म शताब्दी मना रही सेना के शप्त शक्ति कमांड ने इसकी मांग की है. वहीं शिक्षा मंत्री ने उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया है.
पद्मभूषण विजेता लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह राजस्थान की किताबों में शामिल हो सकते हैं. राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानियों देश के सैनिकों और देश के वीरों का जितना सम्मान करती है उतना आर एस एस और भाजपा नहीं करती. डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सेना के शौर्य और वीरता के नाम पर चुनाव तो लड़ा, लेकिन सेना के लिए काम करके हमने दिखाया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के पाठ्यक्रम में उन शहीदों की गौरव गाथा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है, वे महावीर चक्र शौर्य चक्र जैसा सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने अपनी वीरता से देश और राजस्थान के नाम का मान बढ़ाया है.
डोटासरा ने कहा है कि राजस्थान सरकार आने वाली पीढ़ी के बच्चों को ऐसे वीरों की गाथा पढ़ाना चाहती है जिनका देश और राजस्थान मैं बड़ा योगदान रहा है. सरकार चाहती है कि बच्चे ऐसी गाथाएं पढ़ें और प्रेरणा ले जिससे कि भारत आगे आने वाले समय में और सशक्त बनें.
सप्त शक्ति कमांड के कमांडर ने जनरल सगत सिंह को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की
दरअसल, भारतीय सेना का सप्तशती कमांड इस साल को पद्म विभूषण लेफ्टिनेंट जनरल भगत सिंह की जन्म शताब्दी के साल के तौर पर मना रहा है. लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह को गोवा और बांग्लादेश के लोग आज भी बड़े सम्मान के साथ याद करते हैं. कारण इन दोनों की आजादी में लेफ्टिनेंट सगत सिंह की बड़ी भूमिका थी. बांग्लादेश सरकार ने तो बकायदा उनके परिजनों को वहां बुलाकर अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया, लेकिन राजस्थान में लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह के बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं होने पर सेना के कमांडर ने दुख भी जताया और यह भी कहा की राजस्थान में जन्मे इस अधिकारी के बारे में सेना के लोगों को छोड़ दिया जाए तो जिस राजस्थान के जनरल सगत सिंह थे उस प्रदेश के बच्चों को ही अपने वीर योद्धा के बारे में नहीं पता.
आर्मी कमांडर चेरिश मैटसन ने साफ कहा कि फौज मांग नहीं करती है, लेकिन राजस्थान की स्कूलों में बच्चों को अपने योद्धा के बारे में तो स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर तक पढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने सरकारी स्तर पर अधिकारियों से बात करने के लिए भी कहा था और सरकार से अपील की थी कि ऐसे योद्धा के बारे में अगर राजस्थान के लोग ही नहीं जानेंगे तो फिर यह उस योद्धा के साथ अन्याय है. इसी सवाल के जवाब में गोविंद डोटासरा ने कहा कि सरकार सैन्य अधिकारियों की भावनाओं को समझते हुए इस मामले को जल्द ही दिखाएगी.