जयपुर.भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई मीसाबंदी और डीआईआर की पेंशन को बंद करने के अशोक गहलोत कैबिनेट के फैसले पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहने का दंश झेल चुके मौजूदा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने गहलोत सरकार के इस फैसले को अविवेक पूर्ण फैसला करार दिया है.
इस पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में कटारिया ने कहा कि जो लोग 18 दिन देश के लिए जेल में नहीं रहे हों अब वो लोकतंत्र की रक्षा के लिए 18 महीने जेलों में रहने वाले लोकतंत्र के रक्षकों पर फैसला दे रहे हैं, जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
स्वतंत्रता सेनानियों से अधिक समय जेल में बंद रहे मीसाबंदी और डीआईआरः कटारिया
ईटीवी भारत से खास बातचीत में गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि देश में स्वतंत्रता सेनानियों से अधिक समय तक लोकतंत्र की रक्षा के लिए मीसाबंदी डीपीआर जेल में बंद रहे. कटारिया के अनुसार ऐसे इक्का-दुक्का ही स्वतंत्रता सेनानी रहे होंगे जिन्होंने 18 महीने जेल में गुजारे होंगे. लोकतंत्र की रक्षा के लिए हजारों मीसाबंदियों को18 माह तक जेल की यातनाए झलने पड़ा. ऐसे में यदि स्वतंत्रता सेनानियों की तरह मीसाबंदी और डीआईओ के लिए पेंशन शुरू की गई तो उसमें कांग्रेस को आपत्ति नहीं होना चाहिए थी.