जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर बम ब्लास्ट का मामला गहलोत सरकार के लिए एक तरह से गले की फांस बन गया है. 15 दिन से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी सरकार की ओर से ब्लास्ट के आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (Special Leave Petition) दायर नहीं की गई. इस पर पीड़ित परिवारों के सदस्य राजेश्वरी देवी पत्नी मृतक ताराचंद व अभिनव तिवाड़ी पुत्र मृतक मुकेश तिवाड़ी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की. वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने रतनगढ़ विधायक अभिनेष महर्षि के लिए डीजीपी से सुरक्षा मांगी.
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देशानुसार पीड़ित परिवारों को भारतीय जनता पार्टी की और से क़ानून सहायता उपलब्ध करवाई . सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करते समय याचिकाकर्ताओं के साथ नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मौजूद रहे.
दिल्ली पहुंचे राठौड़ : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ बुधवार रात को जयपुर ब्लास्ट के पीड़ित परिवारों के साथ दिल्ली पहुंच गए. माना जा रहा है कि 11 बजे राजेंद्र राठौड़ पीड़ित की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेंगे, जिसमें हाईकोर्ट की ओर से जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों को बरी किए जाने के आदेश को चुनौती दी जाएगी. दरअसल, 13 मई 2008 राजधानी जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. एक के बाद एक 8 बम धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 से अधिक घायल हुए थे. जयपुर ब्लास्ट मामले के 4 आरोपियों को विशेष न्यायालय ने फांसी सुनाई थी, लेकिन उसी आदेश को 30 मार्च राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए सभी आरोपी जिसमे मोहम्मद सैफ, सलमान, सैफुर्रहमान और सरवर आजममी को बरी कर दिया था. इसके बाद से बीजेपी सरकार पर हमलावर है ओर कमजोर पैरवी का आरोप लगा रही है.