जयपुर. कोरोना काल में राजस्थान में अब सियासत का वायरस भी हावी होता जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से सवाल किया है कि वो बताएं अब तक कितने प्रवासियों को उन्होंने मनरेगा के जॉब कार्ड जारी किए हैं. बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू होते हुए कटारिया ने कहा कि उपमुख्यमंत्री लगातार मनरेगा के कामों में बढ़ोतरी को लेकर बयान बाजी कर रहे हैं लेकिन यह नहीं बताया कि कितने प्रवासियों को उन्होंने मनरेगा के तहत काम दिया.
गुलाबचंद कटारिया ने सचिन पायलट से पूछा- 'बताओ अब तक कितने प्रवासियों को मनरेगा के तहत जॉब कार्ड जारी किए'
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सचिन पायलट से सवाल करते हुए पूछ हैं कि पायलट बताएं अब तक कितने प्रवासियों को मनरेगा के जॉब कार्ड जारी किए गए हैं. कटारिया ने कहा कि उपमुख्यमंत्री लगातार मनरेगा के कामों में बढ़ोतरी को लेकर बयान बाजी कर रहे हैं लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि कितने प्रवासियों को उन्होंने मनरेगा के तहत काम दिया.
कटारिया ने कहा कि प्रवासी बंधुओं को लाने का पहला श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिया है और प्रवासियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराएं तब प्रवासियों को प्रदेश की गहलोत सरकार बहुत अच्छी लगी. लेकिन इसके बाद सरकार ने बस ट्रेन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की. कटारिया के अनुसार मंगलवार रात तक केवल प्रदेश में 32 ट्रेनें ही आई हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल प्रवासियों की कोहनी पर गुड लगाया और अब देखने का काम कर रही है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि यदि कोई श्रमिक प्रवासी सड़क पर पैदल चलता दिखा तो एसडीएम पर कार्रवाई करेंगे. लेकिन अब तक यह नहीं बताया कि कितने एसडीएम पर मुख्यमंत्री ने कार्रवाई की है. उन्होंने कहा अब भी प्रदेश की सड़कों पर पैदल श्रमिक जाते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं.
बोलते कुछ है और करते कुछ और है मुख्यमंत्री-कटारिया
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा. कटारिया ने कहा अब जनता देख रही है कि मुख्यमंत्री बोलते क्या है और वह करते क्या हैं. उनके अनुसार तबलीगी जमात के कारण आज पूरे देश में यह संक्रमण तेजी से फैल गया है और अब जिस तरह राजस्थान में यह संक्रमण फैल रहा है उसमें मौजूदा स्थितियों को देखते हुए रोकथाम हो पाना बहुत मुश्किल है.