जयपुर.लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत के साथ ही सरकार ने रेड जोन में भी कैब चलाने की अनुमति दी है. हालांकि कैब में ड्राइवर के अलावा दो ही सवारी बैठ सकेंगी और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य गाइड लाइन की भी पालना करना जरूरी होगा. राजधानी के एक कैब चालक राकेश भाटी ने कोरोना से बचाव का उपाय करते हुए अपनी कार में मोडिफिकेशन किया. चालक और सवारी के बीच में एक प्रोटेक्टिव लेयर लगाई गई. प्रोटेक्टिव लेयर लगाने के बाद चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट नहीं हो सकेगा और यदि चालक या सवारी में से कोई कोरोना संक्रमित है तो वह एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ सकेंगे.
इसके लिए उन्होंने सबसे पहले इस चीज के बारे में पता लगाया कि आखिर किस तरह से चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट के बिना कैब का संचालन किया जा सके. इसके बाद राकेश भाटी ने एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाकर उसे कार में ड्राइवर सीट के पिछले भाग में फिट किया.
सिलिकॉन रबर की बनी है प्रोटेक्टिव लेयर:
कैब चालक राकेश भाटी ने कोरोना वायरस के बचाओ के लिए जिस प्रोटेक्टिव लेयर का निर्माण किया है वह सिलिकॉन रबर की बनी हुई है जो काफी मजबूत और पारदर्शी भी है. प्रोटेक्टिव लेयर लगाने के बाद चालक और सवारी के बीच में डायरेक्ट कांटेक्ट नहीं हो सकता और ना ही किसी तरह की वायु या वायरस का आदान-प्रदान हो सकता है. कोरोना से बचाने के साथ-साथ प्रोटेक्टिव लेयर दुर्घटना के वक्त सवारी की जान को भी बचाएगी. दरअसल सड़क दुर्घटना होने पर यह प्रोटेक्टिव लेयर एक एयर बैग की तरह काम करेगी और कार में पीछे बैठी सवारी को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेगी.
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वहीं सवारी को गंतव्य पर छोड़ने के बाद कैब की बुकिंग होने पर दूसरी सवारी के पास कैब तभी भेजी जाएगी जब वह फिर से सैनिटाइज की जाएगी. कैब को बाहर और अंदर दोनों जगहों से सैनिटाइज किया जाएगा. कैब में विशेष किस्म के लेदर कवर लगाए गए हैं जो बार-बार सैनिटाइज करने पर खराब नहीं होंगे.
कलेक्ट्रेट से मिली अनुमति:
कोरोना से बचाव के लिए कैब में किए गए इस मॉडिफिकेशन को कलेक्ट्रेट से भी मंजूरी मिल गई है. हालांकि कैब में कुछ अन्य मॉडिफिकेशन करने के सुझाव प्रशासन से भी मांगे गए हैं जो कि फिलहाल अभी पेंडिंग बताए जा रहे हैं.